नयी दिल्ली: चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाले संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने एक नयी रिपोर्ट में कहा है कि क्षेत्रीय दलों ने 2019-20 में अज्ञात स्रोतों से 445.77 करोड़ रुपये जुटाए, जो उनकी कुल आय का 55.50 प्रतिशत है.
एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें से 95.616 प्रतिशत या 426.23 करोड़ रुपये चुनावी बांड से आए और क्षेत्रीय दलों ने स्वैच्छिक दान से 4.97 करोड़ रुपये एकत्र किए.
रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के पास दाखिल दलों के आयकर रिटर्न और चंदे के विवरण के विश्लेषण से स्रोत के काफी हद तक अज्ञात होने का पता चलता है. वर्तमान समय में राजनीतिक दलों को 20,000 रुपये से कम देने वाले लोगों या संगठनों के नाम का खुलासा करने की आवश्यकता नहीं है. जिसके कारण धन के एक बड़े हिस्से के स्रोत का पता नहीं लगाया जा सकता है और इस तरह के धन के स्त्रोत अज्ञात होते हैं.
एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आम आदमी पार्टी (आप), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) की रिपोर्ट वेबसाइट पर उपलब्ध है, लेकिन इन दलों के चंदे के आंकड़े वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए उनकी वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट तथा योगदान रिपोर्ट (20,000 रुपये से अधिक का चंदा) में घोषित विसंगतियों को दर्शाते हैं.
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