देहरादून:देश के किसी भी राज्य में कोई भी चुनाव हो, उसमें दागदार और बाहुबली नेताओं की भरमार होती है. किसी न किसी तरह से ऐसे माननीय लोग जीत कर सदन तक पहुंच जाते हैं. ऐसे में लोकसभा और विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि, घोषित वित्तीय स्थिति और शिक्षा सहित अन्य जानकारियों को लेकर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) रिपोर्ट तैयार करता है. जिससे इन माननीयों के आपराधिक रिकॉर्डों का पता चलता है. चलिये आपको बताते हैं कि विधानसभा चुनाव 2022 में वो कौन-कौन से चेहरे हैं, जिनके दामन दागदार हैं.
एडीआर (ADR) ने एक बार फिर उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे घोषित होते ही 70 विजयी उम्मीदवारों की कुंडली जारी की है. उत्तराखंड इलेक्शन वॉच फॉर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स द्वारा जारी ADR रिपोर्ट के मुताबिक विधानसभा 2022 में जीतने वाले 70 प्रत्याशियों में से 19 यानी 27 फीसदी विजेताओं के पर आपराधिक मामले चल रहे हैं. जबकि विधानसभा चुनाव 2017 में विजयी 70 विधायकों में से 22 (31 प्रतिशत) विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज थे. वहीं, इस बार 2022 में विजेता उम्मीदवारों में 10 ऐसे विधायक हैं, यानी (14 प्रतिशत) जिनके पर गंभीर मामले दर्ज हैं. जबकि पिछले चुनाव 2017 में 70 विजयी विधायकों में से 14 यानी (20%) विधायकों पर गंभीर मामले दर्ज थे.
विजयी उम्मीदवारों के आपराधिक मामलों के विवरण
विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी के 47 विधायकों में से 8 यानी 17 फीसदी और कांग्रेस के 19 में से 8 यानी 42 फीसदी विधायकों पर आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं. वहीं, बसपा के 2 विधायकों में से 1 यानी 50 फीसदी और दोनों निर्दलीय विधायकों के पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. जबकि विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी के विजयी 47 विधायकों में से 5 विधायकों पर गंभीर आपराधिक मामले घोषित हैं. वहीं, इसी चुनाव में कांग्रेस के 19 विजयी विधायकों में से 4 यानी 21 फीसदी और 2 निर्दलीय में से 1 (50 फीसदी) निर्दलीय विजयी उम्मीदवार पर गंभीर मामले घोषित हैं.
माननीयों के आपराधिक रिकॉर्ड पर डालें एक नजर
हरिद्वार जिले के खानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय नवनिर्वाचित विधायक उमेश कुमार के खिलाफ 13 गंभीर मुकदमे दर्ज हैं. उमेश कुमार के खिलाफ IPC की धारा 386, 388, 120b, 427, 420, 506, 386, 387, 467 468, 471, 500, 468, 471, 419, 506, 504 जैसे धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं. जिसमें पांच मामले धोखाधड़ी से संबंधित हैं.
वहीं, इन मुकदमों पर उमेश कुमार का कहना है कि उन पर अधिकांश मुकदमे 2017 से 2022 तक बीजेपी सरकार द्वारा और बंगाल में राजनीतिक षड्यंत्र भाव से दर्ज किए गए हैं. उन पर राजद्रोह का मुकदमा भी सरकार द्वारा कराया गया था, लेकिन उसे उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद वापस लिया गया. उधर, हरिद्वार जिले के अंतर्गत मंगलौर विधानसभा सीट से नवनिर्वाचित बहुजन समाजवादी पार्टी के विधायक सरवत करीम अंसारी के खिलाफ धारा 147, 323 और 188 के अंतर्गत वर्तमान में 2 मुकदमे दर्ज हैं. हरिद्वार जनपद के रुड़की विधानसभा सीट से नवनिर्वाचित बीजेपी विधायक प्रदीप बत्रा के खिलाफ आईपीसी की गंभीर धारा और आईपीसी सेक्शन 882 के तहत मुकदमा दर्ज हैं.
हल्द्वानी विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश के खिलाफ 6 मुकदमे दर्ज हैं. इनमें धारा 147, 703, 411, 420, 434, 447, 120 बी 379, 353 धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं. वहीं, रुद्रपुर विधानसभा से निर्वाचित बीजेपी विधायक शिव अरोड़ा के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 341, 353, 332, 504, 506, 336 और 511 जैसे धाराओं में मुकदमा दर्ज हैं. उधर, गदरपुर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक अरविंद पांडे के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 353, 340, 500, 353, 153a, 295, 268 धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं. वहीं, हरिद्वार के रानीपुर बीएचएल से बीजेपी विधायक आदेश चौहान के खिलाफ आईपीसी की धारा 109, 323, 342, 365, 120b, 193, 385, 506, धाराओं में मुकदमा दर्ज हैं.