वाराणसी :देश के लिए आज एक और सबसे बड़ा दिन है. चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारतीय वैज्ञानिकों ने एक और बड़ा कारनामा कर दिखाया है. शनिवार को श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से भारत का पहला सोलर मिशन आदित्य-एलवन लांच किया गया. यह भारत की सबसे बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि में से एक है. आदित्य-एलवन की लांचिंग से देशभर में खुशी का माहौल है. इस मिशन के साथ ही भारत सूर्य पर भी रिसर्च करने के लिए पहुंच जाएगा. यहां से सूर्य में होने वाली हलचल के साथ ही वहां पर हो रही प्रक्रियाओं को भी समझा जा सकेगा.
सुबह 11:50 बजे हुई लांचिंग : आदित्य-L1 शनिवार की सुबह 11:50 बजे लांच हुआ. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह 127 दिन में सूर्य और पृथ्वी के बीच स्थित L1 प्वाइंट पर पहुंचेगा. ऐसा कह सकते हैं कि लगभग चार महीने में आदित्य-एलवन सूर्य के पास पहुंचेगा. साल 2024 में करीब 7 जनवरी तक यह अपने स्थान पर पहुंच जाएगा. आदित्य-एलवन धरती को नुकसान पहुंचाने वाले रेडिएशन का भी विश्लेषण करेगा. इसके साथ ही वहां पर हो रही हलचल का भी डेटा कलेक्ट करेगा. सूरज पर बनने वाले स्पॉट, सोलर फ्लेयर्स, सोलर विंड, UV किरणें, XRAY और गामा का भी अवलोकन करेगा.
चार महीने में अपने स्थान पर पहुंचेगा आदित्य-L1 :मिशन से जुड़े IIT BHU के सौर विज्ञानी डॉ. अभिषेक श्रीवास्तव ने बातचीत की. उन्होंने बताया कि L1 प्वाइंट की तरफ आदित्य-एलवन अपनी यात्रा शुरू कर चुका है. सभी देशवासियों, बुद्धिजीवियों और इसरो के वैज्ञानिकों को इसके लिए बधाई. यह L1 प्वाइंट पर लगभग चार महीने में पहुंचेगा. यह धरती से 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है. आदित्य-एलवन में सात उपकरण लगे हुए हैं, जो सूर्य पर होने वाले विविध प्रक्रियाओं, सौर तरंगों की, स्पेस मौसम के प्रभावों का अध्ययन करेंगे. अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि वह सौर विज्ञानी होने के नाते इस प्रोजेक्ट से जुड़े हैं.