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Aditya L1 Launch : इसरो के सूर्य मिशन में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने किया सहयोग - European Space Agency

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) आदित्य एल1 प्रक्षेपण के बाद इस अभियान में दो अहम तरीकों से सहयोग प्रदान कर रही है. इससे गहन अंतरिक्ष ट्रैकिंग स्टेशन के वैश्विक नेटवर्क के साथ ही अंतरिक्ष यान से डेटा करने में सहयोग मिलेगा.

Aditya L1 Launch
आदित्य एल1

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 2, 2023, 8:09 PM IST

नई दिल्ली : देश के पहले सूर्य मिशन के तहत 'आदित्य एल1' यान का शनिवार को प्रक्षेपण किए जाने के बीच यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) इस मिशन में दो महत्वपूर्ण तरीकों से सहयोग कर रही है. ईएसए गहन अंतरिक्ष संचार सेवाएं उपलब्ध कराने के अलावा अहम उड़ान गतिशीलता सॉफ्टवेयर को सत्यापित करने में भी इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) की सहायता कर रही है. ईएसए ने कहा कि संचार हर अंतरिक्ष मिशन का एक अहम हिस्सा होता है और जमीन पर स्थित स्टेशन (ग्राउंड स्टेशन)के समर्थन के बिना अंतरिक्ष यान से कोई वैज्ञानिक डेटा हासिल करना असंभव है. इसने कहा कि यह जानने के लिहाज से भी संचार अहम है कि अंतरिक्ष यान कैसे काम कर रहा है, यह सुरक्षित है या नहीं और यह कहां स्थित है.

ईएसए के सेवा प्रबंधक और 'क्रॉस सपोर्ट' संपर्क अधिकारी रमेश चेल्लाथुरई ने कहा, 'ईएसए के गहन अंतरिक्ष ट्रैकिंग स्टेशन के वैश्विक नेटवर्क और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त तकनीकी मानकों की मदद से हम अपने सहयोगियों का निगरानी करने, निर्देशित करने और सौर तंत्र में कहीं भी उनके अंतरिक्ष यान से डेटा हासिल करने में सहयोग करने में सक्षम हैं.'

चेल्लाथुरई ने एक बयान में कहा, 'आदित्य एल-1 मिशन के लिए हम ऑस्ट्रेलिया, स्पेन और अर्जेंटीना स्थित अपने 35 मीटर गहरे सभी तीन अंतरिक्ष एंटीना से सहयोग कर रहे हैं. इसके अलावा फ्रेंच गुयाना स्थित कौरू स्टेशन से सहयोग करने के साथ ब्रिटेन स्थित 'अर्थ स्टेशन' से समन्वित सहयोग कर रहे हैं.' ईएसए ने कहा कि वह आदित्य एल-1 के लिए 'ग्राउंड स्टेशन सर्विस' मुहैया करने वाला प्रमुख प्रदाता है. अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि ईएसए के स्टेशन शुरुआत से लेकर अंत तक मिशन की पूरी यात्रा में सहयोग कर रहे हैं. यह सहयोग ‘प्रक्षेपण और शुरुआती कक्षा चरण’ से लेकर एल-1 की पूरी यात्रा तक है जिसमें निर्देश देना और अगले दो साल तक नियमित ऑपरेशन के दौरान प्रतिदिन कई घंटे आदित्य एल-1 से वैज्ञानिक डेटा हासिल करना शामिल है.

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(पीटीआई-भाषा)

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