नई दिल्ली :संसद के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है. लोक सभा में केंद्र सरकार की ओर से सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक पेश किया गया. स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने विधेयक पेश किया. बिल भारत में फर्टिलिटी क्लीनिक को रेगुलेट करने का प्रयास करता है.
विधेयक पर चर्चा में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने भी भाग लिया. उन्होंने सरोगेसी से जुड़े कानूनों में कई बिंदुओं को शामिल करने की जरूरत पर बल दिया. इसके अलावा अधीर रंजन ने केंद्रीय मंत्रियों की गैरमौजूदगी पर तंज कसा. उन्होंने कहा, सभापति महोदय, ट्रेजरी बेंच को देखिए, इनसे पूछिए, इन लोगों को कितनी दिलचस्पी है सदन चलाने में.
चौधरी ने कहा, स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया को छोड़कर कितने मंत्री मौजूद हैं, आप खुद गिनती कर लीजिए. कोई भी फ्रंटलाइन मंत्री मौजूद नहीं है. आप गंभीर नहीं है, यह स्पष्ट हो गया है.
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि विपक्ष पर आरोप लगता है कि हम सदन की कार्यवाही में बाधा बन रहे हैं. हालांकि, आज इस महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा के दौरान मंत्रियों की गैरमौजूदगी से सत्ता पक्ष की गंभीरता का पता चलता है. सत्ता पक्ष की ओर से चौधरी के बयान पर टिप्पणी की गई. इस पर सभापति ओम बिरला ने कहा कि इस पर पैरवी करने की जरूरत नहीं है. मंत्रियों को सदन में मौजूद रहना ही चाहिए.