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लोकसभा में आचरण को लेकर अधीर रंजन निलंबित, जानिए मंत्रियों व विपक्षी सांसदों ने संसद की कार्यवाही पर क्या कहा - लोकसभा में आचरण को लेकर अधीर रंजन निलंबित

प्रधानमंत्री मोदी को लेकर की गई कुछ टिप्पणियों और उनके आचरण की वजह से कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी (Congress leader Adhir Ranjan Chowdhury) लोकसभा से निलंबित कर दिया गया. उनके मामले को विशेषाधिकार समिति के पास जांच के लिए भेज दिया गया है.

Congress leader Adhir Ranjan Chowdhury
कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी

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Published : Aug 10, 2023, 9:15 PM IST

Updated : Aug 10, 2023, 10:30 PM IST

नई दिल्ली : लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी (Congress leader Adhir Ranjan Chowdhury) द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर की गई कुछ टिप्पणियों और उनके आचरण के कारण गुरुवार को उन्हें सदन से निलंबित कर दिया गया और उनके खिलाफ इस मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इससे जुड़ा एक प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दी। इससे पहले, कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर चुके थे.

प्रस्ताव के अनुसार, विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक कांग्रेस नेता चौधरी सदन की कार्यवाही से निलंबित रहेंगे. सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए चौधरी ने महाभारत के एक संदर्भ का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री के खिलाफ कुछ टिप्पणी की थी जिसे आसन ने तत्काल रिकॉर्ड से हटाने का निर्देश दिया. इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह समेत सत्तापक्ष के कई सदस्यों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की.

प्रधानमंत्री मोदी जब चर्चा का जवाब दे रहे थे तो उस समय भी चौधरी ने कई बार टोका-टाकी की. चर्चा पर प्रधानमंत्री के जवाब के बाद जोशी ने कहा, 'जब प्रधानमंत्री, मंत्री बोलते हैं या कोई चर्चा होती है तो कांग्रेस के नेता (चौधरी) जानबूझकर व्यवधान पैदा करने की कोशिश करते हैं...उनको इसकी आदत हो गई है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि वह इस सदन की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता हैं.' जोशी ने कहा, 'बार-बार कहने पर भी उन्होंने सुधार नहीं किया। वह आधारहीन आरोप लगाते हैं. देश और देश की छवि कम करने की कोशिश करते हैं, जबकि उनके आरोप में कोई तथ्य नहीं होता. कभी क्षमा नहीं मांगते.'

उन्होंने कहा, 'कल गृह मंत्री के बोलने के समय भी उन्होंने ऐसा किया था.' भारतीय जनता पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह ने चौधरी की टिप्पणी के बाद अपनी प्रतिक्रिया के लिए आसन और सदन से माफी मांगी. उन्होंने कहा, 'मैं हमेशा सदन के सम्मान को ध्यान में रखता हूं. हम अपने नेता (प्रधानमंत्री मोदी) के अपमान को बर्दाश्त नहीं कर पाए, उसके लिए मैं क्षमा चाहता हूं.'

जानिए विपक्षी सांसदों और मंत्रियों ने क्या कहा

वहीं कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने कहा कि 14 दिनों के बाद प्रधानमंत्री मोदी सदन में आए और 3 सवालों के जवाब नहीं दिए. यही कारण है कि हमने वॉकआउट किया. इसी कड़ी में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर में डबल इंजन सरकार की विफलता की जिम्मेदारी नहीं ली. मणिपुर के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में इतनी महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ, राज्य का बंटवारा हुआ, 60,000 लोग बेघर हो गए, आम लोगों के हाथ में एके-47 है. इतना असुरक्षित माहौल बनाने के बावजूद वह अपने मुख्यमंत्री को बर्खास्त नहीं कर रहे हैं. उन्होंने यह नहीं बताया कि वे मणिपुर कब जायेंगे...आज भी उनके पास कोई स्थाई समाधान नहीं है, उनके पास कोई रोडमैप नहीं है कि मणिपुर में शांति कब लौटेगी. पूरा मणिपुर राज्य प्रधानमंत्री के शब्दों से असंतुष्ट और दुखी है...इसलिए I.N.D.I.A. गठबंधन बाहर चला गया.

शिरोमणि अकाली दल सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहना था कि मुझे बाहर निकलना पड़ा. सबका साथ की बात करने का कोई मतलब नहीं है, ये बात सबको समझनी चाहिए... मणिपुर की महिलाओं को क्या संदेश दिया? अगर वे उनके साथ हैं तो उन्हें न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाये गये हैं? इसी तरह जदयू सांसद राजीव रंजन (ललन) सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो भी बोल रहे थे वह उनकी हताशा और घबराहट का प्रतीक था. वह नए गठबंधन से अपनी घबराहट जाहिर कर रहे थे. उन्होंने भारत के उस प्रमुख मुद्दे पर एक शब्द भी नहीं कहा जो मणिपुर 3 मई से जल रहा है. हम 1 घंटे 45 मिनट तक सुनते रहे लेकिन उन्होंने इस बारे में एक शब्द भी नहीं कहा. वह नए गठबंधन के बारे में बात करते रहे.

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने शानदार भाषण दिया. मुझे लगता है कि उन्होंने उन सभी सवालों का संक्षिप्त जवाब दिया जो उन्होंने (विपक्ष ने) उठाए थे...विपक्ष ने लोकतंत्र की मर्यादा का पालन नहीं किया.

वहीं केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि कांग्रेस और विपक्ष ने वॉकआउट किया, जो अच्छा नहीं है. वे अविश्वास प्रस्ताव लाए थे और वे (विपक्ष) चाहते थे कि अंत तक उनकी (प्रधानमंत्री) बात सुनी जाए. लेकिन वे सदन से बाहर चले गए...अविश्वास प्रस्ताव गिरने वाला था क्योंकि वे जानते थे कि हमारे (NDA) के पास बहुमत है और इसलिए, वे बाहर चले गए.

इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि जिनका लक्ष्य देश का विकास करना नहीं बल्कि देश के विकास की तिजोरी को लूटना है, वो पीएम मोदी की बात नहीं सुनना चाहेंगे. वे देश के विकास को पचा नहीं पा रहे हैं, आंतरिक सुरक्षा संबंधित अमित शाह के बयान को वे नहीं पचा पा रहे हैं, वे इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं कि देश की जनता ने पीएम मोदी पर भरोसा जताया है.

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(इनपुट-एजेंसी)

Last Updated : Aug 10, 2023, 10:30 PM IST

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