नई दिल्ली : बयान बहादुर अधीर रंजन चौधरी के लिए अपनी ही पार्टी को मुश्किल में डाल देना अब कोई नई बात नहीं रही. अब उन्होंने राष्ट्रपति को 'राष्ट्रपत्नी' कह कर फिर मुसीबत मोल ले ली है. आइए देखते हैं इससे पहले कब-कब उन्होंने अपने बयानों से अपनी पार्टी को शर्मसार किया है.
पिछले तीन दिनों से संसद से सड़क तक सरकार पर हावी होने की कोशिश कर रही कांग्रेस अचानक आज बैकफुट पर जाती दिखी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 'राष्ट्रपत्नी' कह कर उन्होंने पार्टी को फिर एक ऐसी स्थिति में डाल दिया है, जहां पार्टी उन्हें अगर बोझ समझने लगे तो कोई ग़लत नहीं होगा. अक्सर ये कह कर कि मुझे हिंदी नहीं आती, इसलिए मुझसे गलती हो जाती है, बच कर निकल जाने वाले अधीर रंजन इस बार साफ-साफ पकड़े गए हैं. पति और पत्नी दोनों ऐसे शब्द हैं कि कोई भी बांग्ला भाषी व्यक्ति समझ सकता है. अब अधीर और उनकी पार्टी के पास कोई जवाब नहीं है.
अधीर रंजन चौधरी बंगाल में कांग्रेस का बड़ा चेहरा हैं. लेकिन संसद हो या संसद के बाहर, ट्विटर हो या कोई और बयान, उन्हें 'यथा नाम तथा गुण' ही पाया गया है. कुछ कहते वक्त इतने अधीर हो जाते हैं कि अर्थ का अनर्थ कर देते हैं. जब धारा 370 हटाई गई थी तो अगस्त 2019 में संसद में अधीर रंजन चौधरी ने ये पूछ कर सबको चौंका दिया कि क्या सरकार जम्मू-कश्मीर को भारत का अंदरूनी मामला मानती है ? उन्होंने आगे कहा - 'मुझे शंका है क्योंकि यूनाइटेड नेशंस इसे 1948 से मॉनीटर कर रहा है. जब आप शिमला समझौते में और लाहौर समझौते में कश्मीर को द्विपक्षीय मसला मान चुके हैं, तो आप इसे भारत का अंदरूनी मामला कैसे कह सकते हैं.' इस बयान पर विपक्ष ने तो हंगामा किया ही, सदन में बैठी सोनिया गांधी तक ने उन्हें हैरत और गुस्से भरी निगाह से देखा कि आखिर वो कह क्या रहे हैं.
मई 2022 में अधीर रंजन चौधरी ने फिर एक सेल्फ गोल किया. ‘बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिल जाती है’ वाला राजीव गांधी का कथन ट्वीट कर दिया. मौका राजीव गांधी की पुण्यतिथि का था. जब सिख नेताओं और बीजेपी ने इसे लेकर उन पर हमले शुरू कर दिए, तो उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया और नया ट्वीट करते हुए लिखा- 'मेरे नाम से मेरे ट्विटर अकाउंट पर जो कुछ भी लिखा गया है, वो मेरी सोच नहीं है.' बाद में उन्होंने दिल्ली पुलिस में एक शिकायत लिखवाई और कहा कि जब ये ट्वीट किया गया तब उनका फोन उनके हाथ में ही नहीं था,क्योंकि वे तो पार्टी की एक बैठक में थे. ये उनके खिलाफ साज़िश है.