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By PTI

Published : Dec 6, 2023, 5:23 PM IST

Updated : Dec 6, 2023, 6:05 PM IST

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कश्मीर मुद्दे पर अधीर रंजन ने किया चैलेंज, शाह ने किया स्वीकार

Adhir challenges Amit Shah on Nehru : जम्मू कश्मीर मामले पर चर्चा के दौरान लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने चैलेंज किया कि आप बार-बार नेहरु की आलोचना करते हैं, इसलिए बेहतर होगा कि आप एक दिन बहस की चुनौती स्वीकार कर लीजिए. इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वह इस चैलेंज को स्वीकार करते हैं.

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अधीर रंजन, अमित शाह

नई दिल्ली : लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के मंत्री और भाजपा के कई नेता कश्मीर की बात आने पर प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की अनावश्यक आलोचना करने लगते हैं और इस मुद्दे पर सदन में एक बार पूरे दिन चर्चा करा ली जाए तो ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ हो जाएगा. सदन में ‘जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023’ और ‘जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023’ पर चर्चा में भाग लेते हुए चौधरी ने यह बात कही, जिस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ‘‘हम ऐसी चर्चा के लिए तैयार हैं.’’

चौधरी ने कहा कि आश्चर्य की बात है कि जब भी कश्मीर की बात आती है तो सरकार के मंत्री और भाजपा के अनेक नेता हर बात में नेहरूजी की आलोचना करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक बार ‘कश्मीरियत, जम्हूरियत और इंसानियत’ का नारा दिया था. इस पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि ‘कश्मीरियत’ का नारा शेख अब्दुल्ला ने दिया था और वाजपेयी ने नहीं दिया.

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने दावा किया कि 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी ने ‘कश्मीरियत’ की बात कही थी. कांग्रेस नेता चौधरी ने कश्मीर की स्थिति को लेकर सरकार को आत्मावलोकन करने की सलाह दी और आरोप लगाया कि सरकार चुनाव जीतने के लिए नए-नए तरीके अपनाती रहती है. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने इसी सदन में कहा था कि कश्मीर में उचित समय पर विधानसभा चुनाव कराये जाएंगे. चौधरी ने कहा कि सरकार ने वहां स्थानीय चुनाव तो करा दिए लेकिन विधानसभा चुनाव नहीं कराए.

कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार ने कश्मीर में अमन-चैन लाने का वादा किया था, जिसे वह निभाना भूल गई है. उन्होंने कहा, ‘‘आपने आग तो लगा दी लेकिन बुझाना भूल गए.’’ चौधरी ने कहा कि भाजपा नेताओं के अनुसार ‘‘नेहरू देश के लिए हानिकारक हैं और आप (सरकार) देश के लिए कल्याणकारी हैं. तो इस विषय पर दिनभर चर्चा करा ली जाए. दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.’’

इस पर शाह ने कहा, ‘‘मैंने कभी ऐसा नहीं कहा कि नेहरू देश के लिए हानिकारक हैं. सत्तापक्ष से किसी सदस्य ने कभी यह बात नहीं की. मैंने कहा है कि कश्मीर की समस्या के मूल पर चर्चा होनी चाहिए. उसकी जड़ में कौन था.’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता चौधरी स्वयं कह रहे हैं कि ‘‘नेहरू हानिकारक थे तो इसमें हम क्या कर सकते हैं.’’ उन्होंने पुलवामा में आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के संदर्भ में जम्मू कश्मीर के एक पूर्व उप राज्यपाल के इस दावे का उल्लेख किया कि इस घटना से बचा जा सकता था.

चौधरी ने कहा कि वह सरकार द्वारा मनोनीत उप राज्यपाल थे, ‘‘आप उन्हें नकार नहीं सकते.’’ उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों का पलायन और घाटी में लक्षित हत्याएं अब भी हो रही हैं, लेकिन सरकार यह मानने को तैयार नहीं है. चौधरी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘कश्मीर को आपने खाप पंचायत बना दिया है. एक उप राज्यपाल और कुछ अधिकारी उसे (केंद्र शासित प्रदेश को) अपनी मर्जी से चला रहे हैं. वहां छह साल से चुनाव नहीं हुए हैं.’’

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Last Updated : Dec 6, 2023, 6:05 PM IST

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