नई दिल्ली : अडाणी समूह के शेयरों में गिरावट जारी है. अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर में 20 फीसदी से अधिक की गिरावट हुई. वैसे, आज बाजार बंद होते समय अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर में तेजी देखी गई. यह गिरावट उस खबर के बाद आई, जब अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज डाउ जोंस सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स से अडाणी एंटरप्राइजेज को बाहर कर दिया गया.
अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में शुक्रवार को लगातार सातवें दिन गिरावट हुई. रिपोर्ट के अनुसार अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 20 प्रतिशत टूटकर 1,173.55 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया जो बीएसई पर इसका एक साल का निचला स्तर है. अडाणी पोर्ट्स के शेयर में 10 फीसदी की गिरावट आई, अडाणी ट्रांसमिशन में 10 फीसदी, अडाणी ग्रीन एनर्जी में 10 फीसदी, अडाणी पॉवर में पांच फीसदी, अडाणी टोटल गैस में पांच फीसदी, अडाणी विल्मर में 4.99 फीसदी, एनडीटीवी में 4.98 फीसदी, एसीसी में 4.24 फीसदी और अंबुजा सीमेंट्स के शेयर में तीन फीसदी की गिरावट आई है.
पिछले एक महीने में अडाणी की कंपनी के शेयर भाव (गूगल फाइनेंस से ली गई तस्वीरें) आपको बता दें कि अडाणी समूह की लगभग सभी कंपनियों में गिरावट का दौर जारी है. अडाणी एंटरप्राइजेज, अडाणी टोटल गैस, अडाणी पावर, अडाणी विल्मर लिमिटेड, अडाणी ग्राीन एनर्जी लि., अडाणी ट्रांसमिशन लि., अंबुजा सीमेंट्स, एसीसी लि. के शेयर भाव भी लगातार गिर रहे हैं. अडाणी टोटल गैस, अडाणी पावर, अडाणी विल्मर लि., अडाणी ग्रीन एनर्जी लि., अडाणी ट्रांसमिशन लि में लोअर सर्किट लगा हुआ है.
क्या होता है लोअर सर्किट - अचानक ही किसी भी कंपनी के शेयर भाव में उछाल आ जाए, या फिर नीचे गिर जाए, इससे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. इसलिए निवेशकों को इस अप्रत्याशित उतार या चढ़ाव से बचाने के लिए सर्किट लगा दिया जाता है. इसकी अधिकतम सीमा अपर सर्किट कहलाती है, और निम्नतम सीमा लोअर सर्किट कहलाती है. लोअर सर्किट का अर्थ हुआ कि उस कंपनी के शेयर उस वैल्यू से और अधिक नीचे नहीं जा सकता है. सर्किट की सुविधा स्टॉक एक्सचेंज के पास होती है.
अडाणी पोर्ट्स, अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी लि. के भी स्टॉक गिर रहे हैं. औसतन इन कंपनियों के शेयर में चार से 10 फीसदी की गिरावट हुई है. ग्रुप के शेयरों में गिरावट के बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भी एक्टिव हुआ. एनएसए ने अडाणी समूह की तीन कंपनियों- अडाणी पोर्ट्स, अंबुजा सीमेंट्स और अडाणी एंटरप्राइजेज - को निगरानी में रखने का फैसला किया. इसे तकनीकी भाषा में एडिशनल सर्विलांस मेजर्स, एएसएम, कहते हैं. सेबी इस कदम के जरिए कंपनियों पर नजर बनाए रखती है. निवेशकों को नुकसान न हो, एनएसई इसके लिए इस तरह के कदम उठाती है. इस तरह की कार्रवाई उन कंपनियों के खिलाफ की जाती है, जिनके शेयरों में मेनुप्लेशन की संभावना दिखती है.
अडाणी समूह के शेयर में गिरावट उस समय से शुरू हुई, जब अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने शेयरों में गड़बड़ी के आरोप लगाए. उसकी रिपोर्ट अडाणी एंटरप्राइजेज के एफपीओ आने से ठीक पहले आई थी. एंटरप्राइजेज का सब्सक्रिप्शन तो पूरा हो गया, लेकिन बाद में अडाणी ने इस एफपीओ को ही रद्द कर दिया.
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