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मध्य प्रदेश : विद्या बालन ने दी रियल लाइफ 'शेरनी' की हिम्मत की दाद

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Published : Jul 5, 2021, 10:13 AM IST

बॉलीवुड अभिनेत्री विद्या बालन ने रविवार को वीडियो चैटिंग के जरिए अपने साथियों की जान बचाने वाली और लगभग डेढ़ घंटे तक बाघ का सामने करने वाली होशंगाबाद की हिम्मतवाली वनरक्षक सुधा धुर्वे से बात कीं. इस दौरान उन्होंने कहा कि आप बहुत हिम्मती हैं. मैं आपकी हिम्मत की दाद देती हूं.

शेरनी
शेरनी

होशंगाबाद : जंगल में यदि अचानक किसी का सामना बाघ से हो जाए, तो मौत सामने दिखने लगती है. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघ रूपी साक्षात मौत का सामना कर अपने साथियों की जान बचाने वाली महिला शेरनी और वनरक्षक सुधा धुर्वे एक बार फिर सुर्खियों में है. एक निजी कार्यक्रम में अभिनेत्री विद्या बालन ने उनकी काफी सराहना की हैं. उन्होंने कहा कि आप बहुत हिम्मती हो, मैं आपकी हिम्मत की दाद देती हूं.

वनरक्षक सुधा धुर्वे ने दिया नारी संदेश

विद्या बालन ने सुधा धुर्वे से कीं बात
बॉलीवुड अभिनेत्री विद्या बालन ने कहा कि जिस तरह से आपने बाघ का सामना किया, यदि आपकी जगह मैं होती, तो बेहोश होकर गिर पड़ती. बाघ सामने होने पर आप पर क्या बीती होगी, यह सोचकर ही मैं हैरान हूं. दरअसल, विद्या बालन की फिल्म 'शेरनी' एक निजी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई है. इसमें विद्या बालन एक महिला वन ऑफिसर के रोल में जंगल में काम करती हुईं नजर आ रही हैं.

सुधा धुर्वे ने साल 2019 में किया था बाघ का मुकाबला.

डेढ़ घंटे तक बाघ के सामने खड़ीं रहीं थीं सुधा
इस फिल्म को लेकर विद्या बालन देशभर के जंगल में काम करने वाली हिम्मती वन रक्षकों से लगातार वीडियो के माध्यम से बातचीत कर उनके अनुभव सुन रही हैं. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व झिरिया बीट की वनरक्षक सुधा धुर्वे ने करीब दो साल पहले बाघ से सामना किया था. उस दौरान महिला वनरक्षक बाघ के आमने-सामने डेढ़ घंटे तक आंखों से आंखें मिलाकर खड़ी रहीं.

दो वनरक्षक साथियों की बचाई थी जान
सुधा धुर्वे ने इस दौरान अपने दो वनरक्षक साथियों की जान भी बचाई थी. अभिनेत्री ने महिला वनरक्षक से लाइव बातचीत करते हुए पूरा घटनाक्रम सुना और कहा कि आपने साथियों की जान बचाकर बहुत ज्यादा हिम्मत दिखाई है.

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10 मीटर दूर खड़ा था बाघ
अभिनेत्री विद्या बालन से लाइव चैट के माध्यम से वनरक्षक सुधा धुर्वे ने बताया कि हम जंगल के पहाड़ी रास्ते से नीचे आ रहे थे. इसी दौरान बाघ 10 मीटर दूर सामने खड़ा मिल गया. बाघ के मुंह में खून लगा था और वह हमें देखकर दहाड़ने लगा. यह देखकर मेरे साथ दो श्रमिक थे, जो डर के मारे कांपने लगे. मैंने बाघ की आंखों में आंखें डालकर सामना किया और दोनों श्रमिकों का हाथ पकड़कर सामने स्थिर खड़ी रही. यदि हम वहां से हिलते तो बाघ हम पर हमला कर देता. बहुत देर बाद बाघ वहां से दूर चला गया और मैं दोनों श्रमिकों को सकुशल में वापस ले आई.

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