नैनीताल: चंद्रमा पर सफलता पूर्वक लैंडिंग करने के बाद अब भारत ने अपना यान सूर्य के अध्ययन के लिए भेजा है. भारत के इस अभियान में शामिल होने के लिए नैनीताल स्थित एरीज (ARIES) के दो वैज्ञानिक दीपांकर बनर्जी और डॉ. वैभव पंत भी श्रीहरिकोटा स्थित वेधशाला पहुंचे हैं, जहां से आज आदित्य एल1 को लॉन्च किया गया है. आर्यभट्ट प्रेक्षण संस्थान से भी आदित्य एल1 पर अध्ययन किया जाएगा और उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी, जिसको लेकर एरीज में आदित्य सपोर्ट सेल की स्थापना की गई है, जहां पर आदित्य एल1 के परिणाम देखे जा सकेंगे.
आदित्य-एल 1 अंतरिक्ष में भारत का पहला सौर मिशन:शनिवार को नैनीताल के एरीज (Aryabhatta Research Institute of Observational Sciences) में कार्यक्रम के दौरान नैनीताल और आसपास के स्कूली छात्र-छात्राओं को सूर्य समेत आदित्य L1 की जानकारी देते हुए आदित्य L1 की लॉन्चिंग का लाइव प्रसारण भी दिखाया गया. आदित्य एल1 अंतरिक्ष में भारत का पहला सौर मिशन है. इस मिशन का उद्देश्य सूर्य का अध्ययन करना है. सूर्य से मिलने वाले प्रकाश और ऊर्जा के साथ ही सूर्य पर कई गतिशील परिवर्तन और विस्फोटक घटनाएं होती हैं, जिनकी विस्तृत जानकारी के लिए आदित्य एल1 मिशन महत्वपूर्ण डाटा प्रदान करेगा.
आदित्य L1 सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष आधारित वेधशाला:आदित्य L1 सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष आधारित वेधशाला है. वेधशाला को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैगंज बिंदु 1 (L1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित करने की योजना है, जो सूर्य और पृथ्वी की दिशा के साथ पृथ्वी से लगभग 15 लाख किमी दूर है. L1 बिंदु के चारों ओर हॅलो कक्षा में रखे गए उपग्रह के जरिए बिना किसी अवरोध और ग्रहण के सूर्य को लगातार देखने की प्रमुख लाभ है.