मुंबई : एल्गार परिषद-माओवादी लिंक मामले (Elgar Parishad-Maoist links case) के एक आरोपी जेसुइट पुजारी स्टेन स्वामी (Jesuit priest Stan Swamy) का निधन हो गया है. स्टेन स्वामी की मौत को लेकर उस अस्पताल के एक अधिकारी ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ( Bombay High Court) को सूचित, जहां उनका इलाज किया जा रहा था.
स्वामी के निधन पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि वह फादर स्टैन स्वामी के निधन से दुखी और आक्रोशित हैं. येचुरी ने ट्वीट किया, 'फादर स्टैन स्वामी के निधन से बहुत दुखी और आक्रोशित हूं. वह एक पादरी और सामाजिक कार्यकर्ता थे, जिन्होंने कमजोरों की अथक सहायता की. अधिकनायकवादी गैर कानूनी गतिविधियां नियंत्रक अधिनियम (यूएपीए) के तहत उन्हें हिरासत में लिया गया और आमनवीय व्यवहार किया गया, जबकि उन पर कोई आरोप साबित नहीं हुआ था.'उन्होंने कहा कि हिरासत में हुई इस हत्या के लिए जवाबदेही तय की जानी चाहिए.
वहीं उनकी मौत पर राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'फादर स्टैन स्वामी के निधन पर भावभीनी श्रद्धांजलि. वह न्याय और मानवीयता के हकदार थे.'
इसके अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा, 'फादर स्टैन स्वामी को विनम्र श्रद्धांजलि. कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक व्यक्ति जिसने जीवन भर गरीबों-आदिवासियों की सेवा की और मानव अधिकारों की आवाज बना, उन्हें मृत्यु की घड़ी में भी न्याय एवं मानव अधिकारों से वंचित रखा गया.'
पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट के जरिए दावा किया, 'इस त्रासदी के लिए भारत सरकार की व्यवस्था में किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा? कोई गलती मत करिए-यह इंडियन स्टेट है, जिसने उन फादर स्टैन स्वामी की हत्या की जो सामाजिक न्याय के प्रखर पैरोकार थे.'
स्टेन स्वामी के निधन पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी दुख जताया. उन्होंने 84 वर्षीय आदिवासी नेता स्टेन स्वामी की मृत्यु पर सोमवार को आश्चर्य जताते हुए कहा कि कठोर और निर्दयी सरकार ने उन्हें उनके सम्मान से वंचित कर दिया और वह उनकी मौत के लिए जिम्मेदार है.
महबूबा ने ट्वीट किया है, 'आदिवासी नेता 84 वर्षीय स्टेन स्वामी की मृत्यु से बहुत दुखी हूं. कठोर और निर्दयी सरकार ने उनके जीवित रहते उनसे उनका सम्मान छीन लिया और वही उनकी मृत्यु के लिए जिम्मेदार है. बहुत आश्चर्यचकित हूं. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे.'