नई दिल्ली : कांग्रेस ने राजीव गांधी फाउंडेशन (RGF) और राहुल गांधी चैरिटबल ट्रस्ट (RGCT) के खिलाफ कार्रवाई को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कार्रवाई देश के मुख्य मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए की गयी है. कांग्रेस की यह टिप्पणी सोनिया गांधी के नेतृत्व वाले संगठनों- आरजीएफ और आरजीसीटी- को कानून के कथित उल्लंघन के लिए विदेशी चंदा नियमन अधिनियम (FRCA) लाइसेंस केंद्र सरकार द्वारा रद्द करने की घटना के बाद आई है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा, 'उन्होंने (केंद्र) आरजीएफ और आरजीसीटी के खिलाफ पुराने आरोप दोहराए हैं, ऐसा कांग्रेस को बदनाम करने तथा लोगों का ध्यान दैनिक मुद्दों से हटाने के लिए किया गया है.' रमेश ने कहा, 'आसमान छूती कीमतों, बेरोजगारी और (डॉलर के मुकाबले) रुपये के गिरने की वजह से देश की अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है, साथ ही नफरती भाषण एवं विभाजनकारी राजनीति से लोग उब चुके हैं.'
कांग्रेस नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के इस कदम की निंदा करते हुए कहा कि आरजीएफ और आरजीसीटी के एफसीआरए लाइसेंस रद्द करना मोदी सरकार के राजनीतिक द्वेष का प्रतीक है. आरजीएफ के खिलाफ कार्रवाई 2020 में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गठित एक अंतर-मंत्रालयी समिति द्वारा की गई जांच के बाद हुई.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, 'राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के एफसीआरए लाइसेंस इनके खिलाफ जांच के बाद रद्द कर दिए गए हैं.' अधिकारियों ने कहा कि जांचकर्ताओं ने आयकर रिटर्न दाखिल करते समय दस्तावेजों के कथित हेरफेर, चीन सहित विभिन्न देशों से प्राप्त धन का दुरुपयोग करने तथा धनशोधन के मामले का पता लगाया है.
उन्होंने कहा कि जांच दल में ईडी के अलावा गृह और वित्त मंत्रालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारी शामिल थे और उन्हें यह जांच करना था कि क्या गांधी परिवार और अन्य कांग्रेस नेताओं द्वारा चलाए जा रहे इन संगठनों ने कर दाखिल करते समय कथित रूप से किसी दस्तावेज में हेरफेर किया था तथा क्या विदेशों से प्राप्त धन का दुरुपयोग किया गया और धनशोधन किया गया.