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पहाड़ों में ऐसे कैसे आएंगे इंवेस्टर्स? उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू के बीच आचार्य बालकृष्ण ने उठाया सवाल - Acharya Balkrishna on Investors Summit

Acharya Balkrishna on uttarkashi tunnel rescue पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने उत्तराखंड इन्वेस्टर्स समिट 2023 को लेकर चिंता जाहिर की है. साथ ही उन्होंने सरकार को तराई क्षेत्र में इंडस्ट्री लगाने की सलाह दी है. Uttarkashi Tunnel Rescue

Acharya Balkrishna
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 22, 2023, 5:46 PM IST

Updated : Nov 22, 2023, 6:51 PM IST

उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू के बीच आचार्य बालकृष्ण ने उठाया सवाल

हरिद्वार: पतंजलि योगपीठ के महामंत्री और योगगुरु बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने देहरादून में दिसंबर महीने में होने वाले इंवेस्टर्स समिट को लेकर चिंता जाहिर की है. आचार्य बालकृष्ण की चिंता इस बात से है कि जिस तरह से 41 श्रमिक टनल में फंसे हुए हैं, अगर यही हालत रही तो भला कैसे इंवेस्टर्स को सरकार पहाड़ों पर निवेश के लिए आमंत्रित कर सकेगी.

भूस्खलन होने के बाद से 41 मजदूर सुरंग में फंसे

आचार्य बालकृष्ण ने सरकार पर उठाए सवाल:आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि इतने दिनों से मजदूरों के फंसे होने के बाद अब तक केंद्र व राज्य की पूरी मशीनरी उन्हें निकाल नहीं पाई है. इतना ही नहीं, बारिश और भूस्खलन में उत्तराखंड की सड़कें बंद भी हो जाती हैं, ऐसे में सरकार को सोचना चाहिए कि पहाड़ों पर उद्योग कैसे लगेंगे?

41 मजदूरों को बचाने के लिए रेस्कयू ऑपरेशन जारी

आचार्य बालकृष्ण ने तराई क्षेत्र में इंडस्ट्री लगाने की दी सलाह:पतंजलि योगपीठ संस्थान को 30 साल पूरे होने के अवसर पर बात करते हुए आचार्य बालकृष्ण ने कहा है कि पहाड़ पर उद्योग किसी कीमत पर हो ही नहीं सकता. उन्होंने अपनी तरफ से राय देते हुए कहा कि राज्य सरकार को तमाम इंडस्ट्री देहरादून, विकास नगर, नैनीताल, उधमसिंह नगर और हरिद्वार जैसे तराई वाले इलाकों में लगानी चाहिए. पहाड़ों के प्रोडक्ट्स का प्रयोग होना चाहिए और पहाड़ों के युवाओं को रोजगार मिलना चाहिए, लेकिन ये होगा कैसे ये सभी सरकारों को सोचना होगा.

सिलक्यारा टनल में 45 मीटर तक ड्रिलिंग की जा चुकी

पतंजलि योगपीठ कर रही 8% निवेश:आचार्य बालकृष्ण ने आगे कहा है कि आने वाले दिसंबर महीने में सरकार इंवेस्टर्स समिट करवाने जा रही है. कागजों में यह समिट कितना सक्सेस होगा यह कह पाना जल्दबाजी होगी, लेकिन जितना बड़ा यह इंवेस्टर्स समिट हो रहा है, उसमें सबसे बड़ा इंवेस्टमेंट पतंजलि योगपीठ कर रही है, जिसमें 8% रोजगार और इंवेस्ट पतंजलि योगपीठ अकेले कर रही है.

यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में 12 नवंबर को हुआ था भूस्खलन

बद्री गाय को बढ़ावा देने की उठी मांग:आचार्य बालकृष्ण ने केंद्र और राज्य सरकार से यह मांग की है कि उत्तराखंड में बद्री गाय बड़ी संख्या में हैं. ऐसे में उस गाय का घी अगर भगवान राम लाल के मंदिर में प्रयोग किया जाता है और उसको प्रचारित और प्रसारित किया जाता है तो लगभग 7 लाख गाएं जो उत्तराखंड में हैं उनसे लोगों को रोजगार मिल पाएगा. आचार्य बालकृष्ण ने कहा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री के साथ-साथ राज्य के कृषि मंत्री से भी इस बारे में बातचीत की थी. अगर ऐसा होता है तो एक संदेश जाएगा और लोग बद्री गाय का घी पूजा पाठ और खाने में और अधिक इस्तेमाल करेंगे.

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भूस्खलन होने के बाद से 41 मजदूर सुरंग में फंसे:बता दें कि 12 नवंबर को यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन होने के बाद से 41 मजदूर अंदर ही फंसे हुए हैं. जिन्हें बचाने के लिए ऑगर मशीन से 800 एमएम के छह पाइप अब तक टनल में डाले जा चुके हैं. सिलक्यारा टनल में 45 मीटर तक ड्रिलिंग की जा चुकी है. सातवें पाइप की वेल्डिंग का काम चल रहा है. पाइप कुल 62 मीटर अंदर तक डाला जाना है यानी 17 मीटर अभी बचा है. ड्रिलिंग सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है.

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Last Updated : Nov 22, 2023, 6:51 PM IST

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