हैदराबाद : कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता हत्याकांड में दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस टीम ने फरार आरोपी इंस्पेक्टर जेएन सिंह और चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा को गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों पर एक-एक लाख रुपए का इनाम घोषित था. जानकारी के अनुसार आरोपियों को गोरखपुर के रामगढ़ताल क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है. बताया जा रहा है कि आरोपी कोर्ट में सरेंडर करने की फिराक में थे. इस मामले में 6 पुलिसकर्मियों पर हत्या मुकदमा दर्ज किया गया था. घटना के बाद सभी पुलिसकर्मी गायब थे.
आपको बता दें कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर के व्यापारी के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की थी, जिनकी गोरखपुर में पुलिस की छापेमारी के दौरान रहस्यमय तरीके से मौत हो गई थी.
जानिए क्या हुआ था उस रात
कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता (35) अपने दोस्त हरवीर सिंह और प्रदीप चौहान के साथ 27 सितंबर को गोरखपुर घूमने गए थे. मनीष अपने दोस्तों के साथ गोरखपुर के रामगढ़ताल इलाके के होटल कृष्णा पैलेस के कमरा नंबर 512 में रुके थे. 27 सिंतबर की रात करीब 12 बजे रामगढ़ताल थाने की पुलिस होटल पहुंची. इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह और सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्र के साथ कुछ सिपाही भी थे. पुलिस होटल के रिसेप्सनिस्ट को साथ लेकर कमरा चेक करने लगी.
पुलिस ने 512 नंबर का कमरा खुलवाया और कहा कि चेकिंग हो रही है, आईडी दिखाओ. हरवीर और प्रदीप ने अपनी आईडी दिखा दी. उस समय मनीष सो रहे थे. पुलिस के उठाए जाने पर मनीष ने पूछा कि ये कौन सा समय है चेकिंग करने का? क्या हम लोग आतंकवादी हैं? आरोप है कि इतनी सी बात पर पुलिस वालों ने मनीष के साथ मारपीट शुरू कर दी. पहले दोनों दोस्तों को मारा और कमरे से बाहर निकाल दिया. आरोप है कि कमरे के अंदर पुलिसवालों ने मनीष की खुब पिटाई की. पुलिसवालों ने जब मनीष को कमरे से बाहर लाया तो वह लहुलुहान और बेसुध थे. आरोप है कि पुलिसवाले गाड़ी से पहले किसी अस्पताल ले गए और कुछ देर बाद वापस होटल लेकर चले आए और बताया कि मनीष की मौत हो गई है.
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वहीं गोरखपुर के एसएसपी ने शुरुआती जांच में इसे बिस्तर से गिरकर हुई मौत का मामला बताया था. जब मनीष गुप्ता की पत्नी कार्रवाई करने पर अड़ी रहीं और इस मामले को लेकर विवाद गहराया, तब कहीं जाकर 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. धारा 302 के तहत यानी हत्या का मामला. एफआईआर में 3 लोग नामजद और 3 अज्ञात. रामगढ़ताल SO जगत नारायण सिंह, सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्र और सब इंस्पेक्टर विजय यादव का नाम लिखा गया है. बाकी तीन आरोपी हैं, सब इंस्पेक्टर राहुल दुबे, हेड कांस्टेबल कमलेश यादव और हेड कांस्टेबल प्रशांत कुमार. ये 6 लोग सस्पेंड किए जा चुके हैं. किसी की गिरफ्तारी की जानकारी नहीं आई है. फरार बताए जा रहे हैं.
बता दें कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में चोट की पुष्टि हुई है. मनीष के शरीर पर 4 गंभीर चोटों की जानकारी मिली है. उनके सिर में 5 सेंटीमीटर बाइ 4 सेंटीमीटर का घाव मिला. इसके अलावा दाहिने हाथ में डंडा मारने के निशान, बाईं आंख और कई जगह पर हल्के चोट के निशान मिले.