देहरादूनः उत्तराखंड राज्य भले ही विकास और तरक्की के नए आयाम गढ़ रहा हो. बावजूद इसके नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट ने हिमालयी राज्य उत्तराखंड और यहां की सुरक्षा व्यवस्था को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. एनसीआरबी की रिपोर्ट से फिर खुलासा हुआ है कि उत्तराखंड में लगातार महिला अपराध बढ़ रहा है. आलम ये है कि देशभर में उत्तराखंड महिला क्राइम के मामले में छठे पायदान पर आ गया है. जहां साल दर साल महिलाओं से जुड़े अपराध में बढ़ोत्तरी हो रही है. इस रिपोर्ट में पहले स्थान पर आंध्र प्रदेश शामिल है.
उत्तराखंड में 26 फीसदी बढ़ा महिला अपराध उत्तराखंड राज्य को अस्तित्व में लाने के लिए महिलाओं की बड़ी भूमिका रही है. बावजूद इसके इस पहाड़ी प्रदेश में महिलाओं से जुड़े अपराध कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. पहाड़ से लेकर मैदान और गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों के रिकॉर्ड इस बात की तस्दीक करते हैं कि प्रदेश में आज भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. यह किसी भी सरकार और सिस्टम को कटघरे में खड़े करने के लिए काफी है.
NCRB की रिपोर्ट में 6वें नंबर पर राज्य NCRB की रिपोर्ट ने चौंकाया: राज्य में महिलाओं से जुड़ी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसके साथ ही महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों को लेकर भी लगातार जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं. लेकिन यह सब भी बेअसर साबित हो रहे हैं. NCRB की रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2021 के मुकाबले साल 2022 में महिलाओं से जुड़े अपराधों में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है. साल 2021 में 3431 मामले दर्ज किए गए थे. जबकि साल 2022 में यह संख्या बढ़कर 4337 पहुंच गई है. यानी एक साल में 906 मामलों (26 फीसदी) की बढ़ोत्तरी हुई है. ऐसा नहीं है कि बीते 2 साल में ही यह संख्या बढ़ी है. साल 2020 की अगर बात करें तो महिलाओं से जुड़े अपराध राज्य में 2446 दर्ज किए गए थे. इन मामलों में महिलाओं से जुड़े बलात्कार, गृह क्लेश, छेड़छाड़, गर्भपात जैसे मामले शामिल हैं.
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अपहरण के मामले बढ़े: साल 2022 में महिलाओं से जुड़े अपराध की अगर बात करें तो इसमें महिलाओं का अपहरण सबसे अधिक दर्ज हुआ है. साल 2021 में 696 अपहरण के मामले NCRB की रिपोर्ट में दर्ज थे. जबकि साल 2022 में 778 महिला अपहरण के मामले दर्ज किए गए हैं. इसी के साथ 24 महिलाओं ने आत्महत्या जैसा कदम भी प्रताड़ित होने के बाद उठाया है. महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले भी 18 दर्ज हुए हैं. इसके साथ ही छेड़छाड़ और बलात्कार जैसे मामलों में भी राज्य में बढ़ोत्तरी हुई है.
एक्शन में उत्तराखंड पुलिस:उत्तराखंड के कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार का कहना है कि महिला अपराध या फिर अन्य अपराध पुलिस के संज्ञान में आते ही सबसे पहले रिपोर्ट दर्ज की जाती है. महिलाओं से जुड़े मामले बेहद गंभीर हैं. अगर राज्य में अपराध बढ़ रहा है तो इस पर पुलिस और तेजी से काम करेगी. हम यह सुनिश्चित करते हैं कि पुलिस महिला या अन्य किसी भी अपराध के मामले में लापरवाही नहीं बरतेगी.
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