मुंबई :महाराष्ट्र सरकार के गृह विभाग ने एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह पर इंस्पेक्टर बीआर घाडगे द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं. एसीबी घाडगे द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करेगी.
घाडगे ने अप्रैल में परमबीर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने परमबीर पर आपराधिक साजिश रचने और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे.
घाडगे ने आरोप लगाया था कि परमबीर ने अवैध कृत्यों और भ्रष्टाचार के माध्यम से करोड़ों रुपये कमाए थे. इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को 14 पन्नों का पत्र लिखा था.
घाडगे का आरोप है कि सिंह ने पुलिस आयुक्त रहते हुए उन पर विभिन्न अपराधों से अमीर लोगों के नाम हटाने का दबाव बनाया था.
घाडगे ने पत्र में यह भी दावा किया है कि उन्होंने वित्तीय अनियमितताओं के एक मामले में 22 सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम हटाने का आदेश दिया था. हालांकि, घाडगे ने आरोप लगाया है कि उन्हें आदेश की अवहेलना करने के झूठे आरोपों में निलंबित कर दिया गया था.
उन्होंने मांग की है कि इन सभी मामलों की जांच की जाए. ठाणे पुलिस इस मामले में जांच कर रही है.
परमबीर सिंह के खिलाफ पहले ही एक अन्य मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो की खुली जांच चल रही है. पुलिस निरीक्षक अनूप डांगे के आरोपों पर जांच की जा रही है. उन्होंने आरोप लगाया था कि परमबीर सिंह ने उन्हें बहाल करने के लिए दो करोड़ रुपये की मांग की थी.
अब गृह विभाग ने घाडगे के आरोपों की खुली जांच करने के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो को हरी झंडी दे दी है.
परमबीर सिंह के खिलाफ वारंट जारी
वहीं, उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले एक जांच आयोग ने उसके समक्ष पेश नहीं होने के मामले में परमबीर सिंह के खिलाफ बुधवार को फिर से जमानती वारंट जारी किया है. सिंह ने राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और इस सिलसिले में उन्हें आयोग के सामने पेश होना था.
इस साल मार्च में, महाराष्ट्र सरकार ने देशमुख के खिलाफ सिंह के आरोपों की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश कैलाश उत्तमचंद चांदीवाल की अगुवाई में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया था.
मामले के विशेष लोक अभियोजक शिशिर हिरे ने कहा कि आयोग ने सिंह को कई बार समन जारी कर उनसे पेश होने को कहा था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए, इसलिए आयोग ने उनके खिलाफ सात सितंबर को एक जमानती वारंट जारी किया था, लेकिन वारंट की तामील नहीं होने के कारण, इसे अब छह अक्टूबर तक फिर से जारी किया गया है.
इससे पहले आयोग ने उसके सामने पेश नहीं होने पर सिंह पर जून में 5,000 रुपये और पिछले महीने दो मौकों पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया था.
मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटाए जाने और होमगार्ड में स्थानांतरित करने के कुछ दिन बाद सिंह ने मार्च में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में दावा किया था कि देशमुख पुलिस अधिकारियों से मुंबई में रेस्तरां और बार मालिकों से पैसे लेने के लिए कहते थे.
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता देशमुख ने इस वर्ष अप्रैल में राज्य के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और उन्होंने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से भी इनकार किया है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच कर रहे हैं.