जोधपुर:राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा (RAS-2018) में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब जोधपुर की एसीबी ने गुरुवार को 20 लाख की रिश्वत संग एक दलाल को रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया. दलाल ने इस भर्ती परीक्षा के इंटरव्यू में 70 से ज्यादा अंक दिलाने के नाम पर रिश्वत ली थी. जब इंटरव्यू में नंबर कम आया, तो दलाल ईमानदारी दिखाते राशि वापस करने जा रहा था. इसी दौरान दलाल सहित तीन लोग एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के चंगुल में फंस गए.
एसीबी डीआईजी विष्णु कांत ने बताया कि बाड़मेर निवासी अभ्यर्थी को इंटरव्यू में 70 से ज्यादा अंक दिलाने के लिए किसनाराम नामक व्यक्ति ने 20 लाख की मांग की थी. इस पर उसके परिजनों ने इंटरव्यू से पहले पैसे दे दिए, लेकिन इंटरव्यू में अंक कम मिले. अभ्यर्थी की रैंक 166 पर अटक गई. इसके बाद दलाल से परिजनों ने वापस रुपए मांगे.
जानकारी देते डीआईजी एसीबी जोधपुर ईमानदारी दिखाते हुए दलाल किशनाराम और उसके साथी जोगाराम और ठाकराराम बुधवार रात को पैसा वापस करने के लिए जोधपुर से रवाना हुए. इधर, पहले से सूचना पाकर पीछा कर रही जोधपुर एसीबी की टीम ने बाड़मेर जिले के कल्याणपुर के पास इन तीनों को एक कार रुकवा कर पकड़ा. जिसके बाद आरोपियों से तलाशी में 19 लाख 35 हजार रुपए बरामद किए गए.
गिरफ्तार तीनों आरोपी हैं संघ से जुड़े
मामले में गिरफ्तार गिरफ्तार किए गए दलाल लाल सागर स्थित जोधपुर आदर्श विद्या मंदिर में कार्यरत है. ठाकराराम बाड़मेर में मदर टेरेसा नाम से निजी स्कूल चलाता है. तीसरे आरोपी जोगाराम जो बाड़मेर के बायतु क्षेत्र के पनावड़ा ग्राम की सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल हैं. इस प्रकरण के खुलासे के बाद सवाल इस बात का उठ रहा है कि आखिरकार किसनाराम ने किसके लिए यह 20 लाख रुपए की राशि ली थी.
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क्या किसनाराम उसके साथियों का किसी आरपीएससी के मेंबर के साथ नजदीकी रिश्ता है. जिसके आधार पर इंटरव्यू में अभ्यर्थी को 70 अंक दिलवाने का वादा किया गया था. एसीबी के डीआईजी विष्णुकांता कहना है कि इन सब बातों को लेकर तीनों से पूछताछ जारी है.
शिकायत पर सुनवाई न होने पर कोर्ट में दायर की याचिका
RAS परीक्षा- 2018 के साक्षात्कार मामले में हुई धांधली का आरोप लगाते हुए दोषियों के खिलाफ जांच और कार्रवाई की मांग को लेकर अजमेर एसपी को मुकदमा दर्ज करने की शिकायत देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर अधिवक्ता ने अजमेर की अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या-3 में याचिका दायर की गई है.
अधिवक्ता देवेंद्र सिंह शेखावत का बयान भाजयुमो के पूर्व जिला अध्यक्ष और अधिवक्ता देवेंद्र सिंह शेखावत ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, उनके समधी रमेश चंद्र पूनिया, प्रभा पूनिया और गौरव पूनिया के खिलाफ याचिका दायर की है. अधिवक्ता देवेंद्र सिंह शेखावत का आरोप है कि RAS भर्ती 2018 के साक्षात्कार में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने रिश्तेदारों का चयन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने करवाया है.
याचिका के अनुसार, डोटासरा के समधी रमेश चंद पूनिया चूरु जिले में शिक्षा अधिकारी रहे हैं और उनकी जन्मतिथि 5 सितंबर 1961 है. वहीं, वो 8 दिसंबर 1993 को प्रधानाध्यापक बन चुके थे. पूनिया का प्रमोशन 32 साल तीन महीने और 3 दिन की उम्र में हो चुका था. इस कारण उनके पुत्र और पुत्री ओबीसी की श्रेणी में नही आते. बावजूद इसके RAS भर्ती परीक्षा 2018 में OBC कोटे में चयनित हुए हैं.
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इससे स्पष्ठ है कि पूनिया ने अपने पुत्र और पुत्री का ओबीसी प्रमाण पत्र गलत दस्तावेज और फर्जी शपथ पत्र के आधार पर बनवाया है. साथ ही उनके पुत्र गौरव और प्रभा के RAS परीक्षा- 2018 के साक्षात्कार में एक समान अंक 80-80 आए हैं, जबकि उनके लिखित परीक्षा के अंक कम हैं.
शिक्षा मंत्री डोटासरा पर पद के दुरुपयोग का आरोप
शेखावत ने कहा कि RAS परीक्षा- 2018 की टॉपर मुक्ता राव के साक्षात्कार में 77 नंबर ही आए हैं. इससे साफ है कि डोटासरा ने समधी के साथ मिलकर षडयंत्र करके गौरव और प्रभा का RAS परीक्षा- 2018 में चयन करवाया है. डोटासरा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आयोग अध्यक्ष और सदस्य गणों को प्रभाव में लिया है.
उन्होंने कहा कि क्रीमी लेयर होने के बावजूद पूनिया ने ओबीसी वर्ग के दो अभ्यार्थियों का हक मारा है. उन OBC वर्ग के अभ्यार्थियों को न्याय दिलवाने और इस षड्यंत्र में शामिल प्रभावशाली लोगों को सबक सिखाने के उद्देश्य से उन्होंने इस्तगासा अदालत में दायर किया है.