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जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से ऐतिहासिक सुधार हुआ: उपराज्यपाल - उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

जम्मू-कश्मीर में 19वें वार्षिक अखिल भारतीय कानूनी सेवा प्राधिकरण की बैठक का उद्घाटन मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चंद्रचूड़ ने किया. इस मौके पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अनुच्छेद 370 को हटाने से हुए लाभों पर प्रकाश डाला.

Etv BharatAbrogation of Articles 370 brought historic reforms and a new era in Jammu Kashmir LG
Etv Bharatजम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से ऐतिहासिक सुधार हुआ: उपराज्यपाल

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Published : Jul 1, 2023, 10:20 AM IST

Updated : Jul 1, 2023, 10:50 AM IST

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में लाए गए सुधारों ने जम्मू कश्मीर के सभी नागरिकों के लिए समानता और न्याय तक पहुंच सुनिश्चित की है. उन्होंने कहा, 'जम्मू-कश्मीर में लगभग सात दशकों तक अनुच्छेद 370 ने केंद्रीय कानूनों को समाज के एक बड़े वर्ग को लाभ पहुंचाने से रोका. इसने समाज के एक बड़े वर्ग को वैध नागरिकता के लाभ से भी वंचित कर दिया था. अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से सामाजिक समानता और समावेशी विकास सुनिश्चित हुआ.'

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करने से जम्मू-कश्मीर में ऐतिहासिक सुधार और एक नया युग आया. चार वर्षों के भीतर जम्मू-कश्मीर शांति, प्रगति, समृद्धि का पर्याय बन गया है और पिछले महीने की जी20 बैठक के दौरान दुनिया ने हमारी क्षमता, हमारी सामाजिक-आर्थिक वृद्धि देखी है. एलजी ने कहा कि परियोजनाएं अभूतपूर्व गति से क्रियान्वित की जा रही हैं और हमने बुनियादी ढांचे के विकास को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है.

सिन्हा ने ये टिप्पणी श्रीनगर में 19वें वार्षिकोत्सव को संबोधित करते हुए की. अखिल भारतीय कानूनी सेवा प्राधिकरण की बैठक पहली बार श्रीनगर में आयोजित की गई. सिन्हा ने न्यायिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के प्रयासों पर प्रकाश डाला और पिछले कुछ वर्षों में लागू किए गए प्रगतिशील प्रशासनिक और भूमि सुधारों का भी उल्लेख किया.

किसानों और भूमि मालिकों को सशक्त बनाने के लिए अप्रचलित भूमि नियमों को खत्म कर दिया गया और तीन भाषाओं में भूमि पासबुक जारी की गईं. पारदर्शी और जवाबदेह शासन ने यह सुनिश्चित किया है कि विकास से सभी वर्गों को लाभ मिले और असंतुलित प्रगति के शिकार क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा में लाया जाए.

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भारत के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चंद्रचूड़ ने बैठक का उद्घाटन भाषण दिया. सीजेआई ने बैठक आयोजित करने और भारतीय न्यायपालिका के ज्ञान और अनुभव को एक साथ लाने के लिए राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) और जम्मू-कश्मीर कानूनी सेवा प्राधिकरण को बधाई दी. सीजेआई ने कहा, 'भारतीय न्यायपालिका के परिप्रेक्ष्य में यह बैठक भारत में विकास की चर्चा में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को मुख्यधारा में लाने का प्रतिबिंब है.' उन्होंने कहा, 'हमारा संविधान स्वतंत्रता, समानता और सामाजिक न्याय के आदर्शों के आधार पर सामाजिक व्यवस्था बनाने का प्रयास करता है. भारतीय संविधान प्रत्येक व्यक्ति के मौलिक अधिकारों को उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना मान्यता देता है.'

Last Updated : Jul 1, 2023, 10:50 AM IST

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