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Rajasthan : उदयपुर के अभिनव ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर किया शोध - संगठन के लोग फिदायीन हमलों के एक्सपर्ट

उदयपुर के अभिनव पांड्या ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर शोध किया है. वहीं, जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने उन्हें उनके शोध के लिए पीएचडी की उपाधि दी.

research on Pakistan supported terrorist
research on Pakistan supported terrorist

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 11, 2023, 7:59 PM IST

शोधार्थी अभिनव पांड्या से ईटीवी भारत की खास बातचीत

उदयपुर.झीलों की नगरी उदयपुर के रहने वाले अभिनव पंड्या ने पाकिस्तान समर्थित संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर पीएचडी की है. अभिनव को जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी से आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर शोध के लिए पीएचडी की उपाधि दी है. देश में संभवत: यह पहला शोध है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित उस आतंकवादी संगठन को विषय बनाया गया, जिसने भारत में पुलवामा समेत कई हमले कराए.

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए अभिनव ने बताया कि वह धारा 370 के हटाने के दौरान जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के सुरक्षा सलाहकार भी थे. उन्होंने बताया कि वह लंबे समय से सुरक्षा से जुड़े मामलों को देखते आए हैं, लेकिन हाल ही में उन्हें आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर शोध के लिए पीएचडी की उपाधि मिली है. इस शोध कार्य में करीब उन्हें ढाई साल से ज्यादा का वक्त लगा है. पिछले दिनों उन्हें दीक्षांत समारोह में चांसलर नवीन जिंदल और डीन राजकुमार ने पंड्या को उपाधि दी.

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इस शोध कार्य के लिए उन्हें कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा. पंड्या के अनुसार शोध के निष्कर्ष खुफिया एजेंसियों, पुलिस और सेना के लिए उपयोगी साबित होंगे. शोध में बताया गया है कि किस तरह से ये आतंकवादी संगठन पाक सेना की मदद से भारत में घटनाओं को अंजाम देते हैं. इस शोध में यह भी पता चलेगा कि ये संगठन किस तरह से आतंकी घटनाओं को अंजाम देते हैं.

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर किया शोध

उन्होंने आगे बताया कि इस संगठन में किस तरह युवाओं को भर्ती किया जाता है. किस तरह से उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है और इन्हें कहां से फंडिंग होती है. इसकी भी जानकारी मौजूद है. अभिनव ने बताया कि भारत में एक कमांडो को जिस तरह की ट्रेनिंग दी जाती है, वैसी ही ट्रेनिंग लश्कर अपने युवाओं को देता है. साथ युवाओं का किस तरह से माइंड सेट किया जाता है उसकी भी इस शोध में जानकारी मौजूद है. उन्होंने कहा कि भारत को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने का काम भी इसी संगठन ने किया गया है. चाहे वो संसद पर हमला हो या फिर पुलवामा अटैक. इन सभी आतंकी घटनाओं में इस संगठन का हाथ रहा है.

शोधार्थी अभिनव पांड्या

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उन्होंने बताया कि इस संगठन के लोग फिदायीन हमलों के एक्सपर्ट है. साथ ही उनमें धार्मिक कट्टरता कूट-कूटकर भरी होती है और खास तौर पर इस संगठन में 14 साल से कम उम्र के बच्चों को ट्रेनिंग दी जाती है. इतना ही नहीं अभिनव ने बताया कि उन्हें इस शोध कार्य के लिए कश्मीर के अंदरुनी इलाकों के साथ ही इंग्लैंड और तुर्की भी जाना पड़ा था.

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