हैदराबाद : गोवा बहुकोणीय मुकाबले के लिए तैयार है, जहां खंडित (fractured Opposition) विपक्ष भाजपा को उखाड़ फेंकने का प्रयास कर रहा है, जो पिछले 10 वर्षों से इस तटीय राज्य में सत्ता में है. हालांकि भाजपा ने पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के सुपुत्र को टिकट नहीं दिया है वहीं आप ने उन्हें अपना टिकट ऑफर किया है अब देखना है कि पूर्व रक्षा मंत्री के पुत्र किस ओर अपना रूख करते हैं.
कांग्रेस इस बात पर जोर दे रही है कि वह भाजपा और अन्य पार्टियों - तृणमूल, आप, राकांपा-शिवसेना के लिए प्रमुख चुनौती है - गठबंधन के लिए बातचीत विफल होने के बाद ही वह अपनी संभावनाओं को धूमिल कर सकती है. गोवा विधान सभा चुनाव-2017 के नतीजे का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि भाजपा ने 40 सदस्यीय विधानसभा में 13 सीटों पर विजयी होने के लिए सबसे अधिक वोट - 32.48 प्रतिशत - प्राप्त किए थे, जबकि कांग्रेस ने 28.35 प्रतिशत वोट हासिल किए थे और 17 सीटों पर जीत दर्ज की की थी
यदि हम प्रतिशत के लिहाज से देखें तो महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) को 11.27 प्रतिशत वोट हासिल कर तीन सीटें जीतने में सफल रही थी, जबकि 58 निर्दलीय उम्मीदवारों ने एक साथ 11.12 प्रतिशत वोट हासिल किए थे और तीन ही विजयी हुए थे. AAP ने गोवा के लिए भव्य योजनाओं को सार्वजनिक करते हुए अमित पालेकर को अपना मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किया, पिछले चुनाव में 6.27 प्रतिशत वोट प्राप्त किए और अपना खाता खोलने में विफल रही, जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाली NCP 2.28 प्रतिशत हासिल की थी. कुल वैध मतों में से एक सीट जीती.
शिवसेना, जो एनसीपी के साथ गठबंधन में गोवा चुनाव लड़ने की योजना बना रही है, पिछले चुनाव में डाले गए कुल वैध वोटों का सिर्फ 0.09 प्रतिशत ही हासिल कर पाई थी. शिवसेना नेता संजय राउत ने मीडिया से कहा, "गोवा में राजनीति बड़े पैमाने पर भू माफियाओं द्वारा नियंत्रित है, शिवसेना राज्य में आम आदमी को राजनीति के केंद्र में रखना चाहती है."