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Parliament Monsoon Session: आप नेता राघव चड्ढा और संजय सिंह राज्यसभा से निलंबित - AAP MPs suspended

आप सांसद राघव चड्ढा विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक राज्यसभा से निलंबित किये गए हैं. उन पर अशोभनीय आचरण का आरोप है. वहीं, अन्य एक आप सांसद को भी राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था. आज सदन के नेता पीयूष गोयल के प्रस्ताव पर उनके निलंबन की अवधि बढ़ा दी गई. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Aug 11, 2023, 2:33 PM IST

Updated : Aug 11, 2023, 4:40 PM IST

नई दिल्ली :संसद के मानसून सत्र के आखिरी दिन राज्यसभा में आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य राघव चड्ढा को नियमों के घोर उल्लंघन और अवमाननापूर्ण आचरण के चलते विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित कर दिया गया. इसके साथ ही, अशोभनीय आचरण तथा नियमों के उल्लंघन के आरोप में निलंबित किए गए आप सदस्य संजय सिंह के निलंबन की अवधि भी विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक बढ़ा दी गई. उच्च सदन में आम आदमी पार्टी के 10 सदस्य हैं.

मानसून सत्र के अंतिम दिन, शुक्रवार को सदन के नेता सदन पीयूष गोयल ने राघव चड्ढा द्वारा नियमों का उल्लंघन करने तथा सदन की एक समिति के लिए चार सदस्यों का नाम उनकी सहमति लिए बिना प्रस्तावित करने का मुद्दा उठाया. चड्ढा पर आरोप है कि उन्होंने राज्यसभा में 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023' को पारित कराने की प्रक्रिया के दौरान प्रवर समिति के गठन का प्रस्ताव दिया था और इस समिति के लिए चार सांसदों.. सस्मित पात्रा (बीजू जनता दल), एस फान्गनॉन कोन्याक (भारतीय जनता पार्टी), एम थंबीदुरई (ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक मुनेत्र कषगम) और नरहरि अमीन (भाजपा) के नाम उनकी अनुमति के बिना शामिल किए थे.

पीयूष गोयल ने कहा कि जिन सदस्यों के नाम चड्ढा ने समिति के लिए प्रस्तावित किए थे, उनका कहना है कि इसके लिए उनसे अनुमति नहीं ली गई थी. उनके अनुसार, सदस्यों की शिकायत से स्पष्ट होता है कि यह नियमों का तथा विशेषाधिकार का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि ये सदस्य अपने अधिकारों का संरक्षण चाहते हैं. गोयल ने कहा कि आप सदस्य राघव चड्ढा ने संसद के बाहर भी गलत बयान दिया. उन्होंने कहा कि यह मामला विशेषाधिकार समिति के पास जांच के लिए भेजा गया है. उन्होंने विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक चड्ढा को उच्च सदन से निलंबित किए जाने का प्रस्ताव रखा जिसे सदस्यों ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. प्रस्ताव पारित करने के समय कई विपक्षी दलों के सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे क्योंकि मणिपुर मुद्दे को लेकर वे पहले ही सदन से बहिर्गमन कर गए थे.

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने नौ अगस्त, बुधवार को उन सांसदों की शिकायतों को विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया था, जिन्होंने आरोप लगाया है कि चड्ढा ने नियमों का उल्लंघन करते हुए उनकी सहमति के बिना प्रवर समिति में उनका नाम शामिल करने का प्रस्ताव किया. चड्ढा ने एक संवाददाता सम्मेलन में इन आरोपों को ‘निराधार’ बताया था. आप सांसद ने दावा किया था कि एक सांसद किसी अन्य सदस्य के नाम को उनकी लिखित सहमति या हस्ताक्षर के बिना प्रवर समिति के लिए प्रस्तावित कर सकता है.

राज्यसभा के एक बुलेटिन में कहा गया था कि सभापति को उच्च सदन के सदस्य सस्मित पात्रा, एस फांगनोन कोन्याक, एम थंबीदुरई और नरहरि अमीन से शिकायतें मिली हैं, जिन्होंने चड्ढा पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाया है और अपनी शिकायत में सात अगस्त को एक प्रस्ताव में प्रक्रिया एवं नियमों का उल्लंघन करते हुए उनकी सहमति के बिना उनके नाम शामिल किए जाने का जिक्र किया है.

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आप सांसद संजय सिंह निलंबित :उच्च सदन में आज पीयूष गोयल ने प्रस्ताव रखा कि आप सदस्य संजय सिंह के निलंबन की अवधि भी विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक बढ़ा दी जाए. इस प्रस्ताव को सदन में ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई. इससे पहले गोयल ने कहा कि संजय सिंह ने राज्यसभा के 12 सत्रों में 56 बार आसन के समक्ष आकर हंगामा किया और जानबूझकर सदन की कार्यवाही को बाधित किया. उन्होंने बताया कि 'अशोभनीय आचरण' के लिए पहले भी दो बार संजय सिंह का सदन से निलंबन हो चुका है.

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने आप सांसद संजय सिंह को निलंबित कर दिया है. उन्होंने कहा, ...मुझे इस मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजना समीचीन लगता है...24 जुलाई 2023 का निलंबन आदेश वर्तमान सत्र से आगे भी जारी रह सकता है, जब तक कि परिषद को विशेषाधिकार समिति की सिफारिश प्राप्त न हो जाए."

गौरतलब है कि आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को, 24 जुलाई को उच्च सदन में हंगामा और आसन के निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए वर्तमान मानसून सत्र की शेष अवधि तक के लिए निलंबित किया गया था. सिंह मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर सदन में प्रधानमंत्री के बयान और चर्चा कराए जाने की मांग को लेकर आसन के समक्ष आ गए थे. सभापति धनखड़ ने उन्हें अपने स्थान पर वापस जाने के लिए कहा. सिंह के वापस न जाने पर सभापति ने उनके नाम का उल्लेख किया. आसन द्वारा किसी सदस्य के नाम का उल्लेख किए जाने पर उस सदस्य को तत्काल सदन से बाहर जाना होता है और वह पूरे दिन सदन की कार्यवाही में भाग नहीं ले सकता. इसके बाद सदन के नेता पीयूष गोयल ने सिंह को मौजूदा सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव करते हुए कहा था कि आप सदस्य का आचरण सदन की गरिमा के अनुकूल नहीं है. हंगामे के बीच ही गोयल के प्रस्ताव को सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी थी.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Aug 11, 2023, 4:40 PM IST

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