नई दिल्ली: संसद सत्र में लगातार मणिपुर हिंसा का मुद्दा छाया हुआ है. विपक्षी नेता लगातार पीएम मोदी पर इस मामले पर उनकी चुप्पी पर हमला कर रहे हैं. वहीं भाजपा और उनके सहयोगी दल के नेता कह रहे हैं कि वह तो मणिपुर मामले पर चर्चा के लिए तैयार हैं. विपक्ष वाले बस हंगामा करना जानते हैं. संसद के बाहर आप सांसद संजय सिंह के निलंबन के बाद विपक्षी नेताओं ने बाहर प्रदर्शन किया. बीते दिन विपक्षी नेताओं ने काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन किया.
इन सबके बीच आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि संसद में नो कॉन्फिडेंस मोशन स्वीकार होने के बाद नियमानुसार कोई विधेयक पेश नहीं किया जाता. लेकिन फिर भी, सभी नियमों को ताक पर रखकर विधेयक प्रस्तावित किए जा रहे हैं और पारित भी हो रहे हैं. यह बहुत दुखद है. यह संसदीय कानून का उल्लंघन है.
मणिपुर जाएंगे और वहां लोगों से मिलेंगे
आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि इंडिया का डेलिगेशन जल्द ही मणिपुर जाएगा. वहां पीड़ित लोगों से मुलाकात की जाएगी. उनका दुःख बांटा जाएगा. इस दौरान पीड़ितों की क्या मांग है? वह भारत सरकार से क्या चाहते हैं? इस क्रम में हम जब मणिपुर से लौटेंगे तो इन बातों से केंद्र सरकार को विस्तार से बताएंगे. हालांकि, जब राघव से पूछा गया कि भारत सरकार ने मणिपुर मामले में सीबीआई को जांच करने के आदेश दिए हैं. इस पर राघव ने कहा कि मणिपुर में जो हुआ, उसके 80-85 दिन बाद सीबीआई को जांच करने के आदेश दिए गए. इसमें बहुत देरी की गई है.अगर करना था तो पहले ही करना था.