नई दिल्ली:संयुक्त राष्ट्र महासभा की तरफ से आयोजित शिखर सम्मेलन 'वर्ल्ड असेंबली' में शुक्रवार को 'दिल्ली मॉडल ऑफ़ गवर्नेंस' की गूंज रही. कालकाजी की विधायक आतिशी ने न्यूयार्क में आयोजित इस शिखर सम्मेलन में विश्व भर के देशों को बताया कि कैसे पिछले सात सालों में 'दिल्ली मॉडल ऑफ गवर्नेंस' ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सूरत बदल दी है. वहीं, सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बेहतर दुनिया बनाने के लिए हम सभी एक-दूसरे से सीखेंगे. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ में बताया गया कि कैसे सस्टेनेबल सिटीज के निर्माण में दिल्ली मॉडल मदद कर सकता है.
विधायक आतिशी ने कहा कि 90 के दशक के अंतिम सालों में पूरे विश्व में सरकारों के लिए अपने नागरिकों को शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली उपलब्ध करवाना बहुत ही महंगा हो गया. इसलिए सरकारों ने खासतौर पर विकासशील देशों ने इन सेवाओं को निजी हाथों को सौंप दिया. इसके कारण सभी चीजों का टैरिफ बढ़ा. सरकारों ने बजट प्रबंधन करने के लिए शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में भी बजट में कटौती की. इससे समाज के अंदर आर्थिक असामनता बढ़ी.
विधायक आतिशी ने कहा कि अरिवंद केजरीवाल के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद 2020 तक दिल्ली में ये हालात बदल गए. आज बिजली की मांग बढ़ने के बावजूद दिल्ली में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जाती है. दिल्ली में बिजली की कीमतें पूरे देश में सबसे कम है. आज दिल्ली के 40 लाख घरों का बिजली बिल जीरो आता है और बिजली कंपनियों की हालत भी सुधरी है. आज दिल्ली के 80 प्रतिशत से ज्यादा इलाकों में पानी की पाइप लाइन और सीवर लाइन है. सरकारी स्कूलों का रिजल्ट भी प्राइवेट स्कूलों से बेहतर आने लगा है और पिछले साल दो लाख से ज्यादा बच्चों ने प्राइवेट से नाम कटवाकर सरकारी स्कूलों में एडमिशन लिया है. मोहल्ला क्लीनिक के अपने मॉडल से लोगों को मुफ्त में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाया जा रहा है.