चंडीगढ़ :पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला (Punjabi singer Sidhu Moosewala) की हत्या के बाद वीआईपी की सुरक्षा को लेकर पंजाब सरकार और पुलिस संदेह के घेरे में है. बड़ा सवाल यह है कि सरकार ने जिन वीआईपी की सुरक्षा में कटौती की है, उनकी सूची को 'कागजी भाषा' में गोपनीय क्यों कहा जा रहा है. सरकार से लगातार सवाल किया जा रहा है कि वह सुरक्षा की अनदेखी क्यों कर रही है. दरअसल, पंजाब में सत्ता संभालने के बाद से आम आदमी पार्टी की सरकार तीन बार वीआईपी सुरक्षा में कटौती कर चुकी है (aap govt reduced security 3 times).
पहली बार 184 वीआईपी की सुरक्षा में कटौती की गई : सुरक्षा में कटौती की बात करें तो 23 अप्रैल को पहली बार सरकार ने 184 वीआईपी की सुरक्षा में कटौती की थी. सुरक्षा कम करने को लेकर भगवंत मान सरकार ने वाहवाही भी लूटी. आम आदमी पार्टी की सरकार ने कहा है कि वह गन कल्चर को खत्म करेगी. आपको बता दें कि जिन लोगों की सुरक्षा में कटौती की गई है उनमें कई नेता और धार्मिक हस्तियां शामिल हैं.
दूसरी बार में 8 नेताओं की सुरक्षा कम की गई : दूसरी बार में सरकार ने आठ लोगों की सुरक्षा कम की. इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्टल और कई अन्य नेताओं की सुरक्षा काट दी गई. कटौती के दौरान, कई नेताओं के वाहन वापस लेने के साथ 127 गनमैन वापस लिए गए.
तीसरी बार में 424 वीआईपी की सुरक्षा कम की गई थी :28 मई को सरकार ने 424 लोगों की सुरक्षा वापस ले ली थी, जिसमें धार्मिक नेताओं से लेकर राज्यसभा के पूर्व सदस्य, पूर्व विधायक, पूर्व स्पीकर, सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी शामिल हैं. इसमें श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह, सिद्धू मूसेवाला समेत अन्य अहम चेहरे शामिल हैं. मान सरकार द्वारा की गई कटौती का पूरा ब्योरा सामने आया है.