नई दिल्ली: विपक्षी दलों के गठबंधन "इंडिया" की तीसरी बैठक मुंबई में होने वाली है. इससे पहले ही विपक्षी एकता में दरार आने की चर्चा है. दिल्ली में बुधवार को प्रदेश कांग्रेस नेताओं की पार्टी आलाकमान के साथ बैठक हुई. बताया जा रहा है कि इसमें आगामी लोकसभा चुनाव में दिल्ली के सभी सात सीटों पर अकेले लड़ने की बातें कही गई. इस पर आम आदमी पार्टी (AAP) भड़क गई है. उसने इशारों-इशारों में मुंबई बैठक से किनारा करने का संकेत दिया है.
AAP का कहना है कि अगर दिल्ली में मिलकर चुनाव नहीं लड़ते हैं तो फिर इंडिया एलायंस का कोई मतलब नहीं है. प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ का कहना है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन को लेकर अंतिम निर्णय पार्टी के शीर्ष नेता करेंगे, लेकिन जब कांग्रेस ने ऐसा मन बनाया है तो इंडिया एलायंस में आम आदमी पार्टी के जाने का कोई मतलब नहीं रह जाता है.
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दोनों पार्टी के शीर्ष नेता लेंगे फैसलाःउधर, सौरभ भारद्वाज का कहना है कि बैठक के बाद जिन नेताओं ने बयान दिया है, उनकी बातों को हम तवज्जो नहीं देते हैं. यह फैसला दोनों पार्टी का शीर्ष नेतृत्व करेगा. बैठक के बाद दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा था, 'बैठक में राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई. शीला दीक्षित के काम को दिल्ली के लोग आज भी याद करते हैं. कांग्रेस 2024 में भी बेहतर प्रदर्शन करेगी और 2025 में दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहेगा.
दूसरी बैठक में भी अंत तक बना था संशयः विपक्षी दलों की तीसरी बैठक मुंबई में 31 अगस्त और 1 सितंबर को होनी है. बेंगलुरु में हुई दूसरी बैठक से पहले भी आम आदमी पार्टी के शामिल होने पर संशय था, क्योंकि तब कांग्रेस ने दिल्ली के लिए लाए गए अध्यादेश पर समर्थन देने की बात नहीं कही थी. बैठक से ठीक पहले जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने AAP को यह आश्वासन दिया कि वह राज्यसभा में केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ AAP का साथ देंगे, तब वह बैठक में शामिल होने के लिए तैयार हुई थी.
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