नई दिल्ली: दिल्ली की सियासत अभी सीबीआई जांच और उपराज्यपाल के आदेशों से गरमाई हुई है. बीते कुछ दिनों से सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी ही था कि विधानसभा में अचानक आप विधायक ने एक शिकायती पत्र के आधार पर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के इस्तीफे की मांग शुरू कर दी. बस फिर क्या था सत्ता पक्ष के तमाम विधायक उस पत्र और मामले को लेकर प्रदर्शन करने लगे. दिल्ली विधानसभा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि सत्ता पक्ष के विधायक अपनी मांगों को लेकर रातभर धरने पर बैठे रहे. मंगलवार सुबह जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तब भी उनका विरोध जारी रहा, जिससे कार्यवाही बीच-बीच में स्थगित करनी पड़ी. हालांकि, आप विधायकों ने विधानसभा में उपराज्यपाल पर जो आरोप लगाए उस पर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है.
आम आदमी पार्टी के विधायक दुर्गेश ने सोमवार को विधानसभा में खादी ग्रामोद्योग के बिक्री कक्ष में कार्यरत हेड कैशियर संजीव कुमार और प्रदीप कुमार यादव की लिखित शिकायत पत्र का जिक्र करते हुए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग के साथ उनके इस्तीफे की भी मांग की थी. इन पत्रों की प्रति ईटीवी भारत के पास भी है. फिलहाल बिक्री केंद्र के दोनों कैशियर निलंबित हैं. 10 व 11 अप्रैल 2017 में खादी ग्रामोद्योग के चेयरमैन रहे विनय कुमार सक्सेना, जो वर्तमान में दिल्ली के उपराज्यपाल हैं, पर गंभीर आरोप लगाया है. इनके द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर ही अब आम आदमी पार्टी के विधायक, उपराज्यपाल के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
इस पर आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी का कहना है कि जब देश के लोग नोटबंदी के दौरान 12-12 घंटे लाइन में खड़े थे, तब दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ब्लैक मनी को व्हाइट करने में लगे थे. देशभर के खादी ग्रामोद्योग संस्था के तत्कालीन चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने अपने कैशियर पर पुराने नोट लेकर उनको नए नोटों में बदलने का दबाव डाला. खादी ग्रामोद्योग के दो कैशियरों ने विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ बयान दिया, फिर भी उनकी जांच क्यों नहीं हुई? सीबीआई और केंद्र सरकार से मांग है कि सक्सेना पर 1400 करोड़ के घोटाले की सीबीआई जांच कराई जाए. यह स्पष्ट तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है तो ईडी भी इसकी जांच करें. उनके पुराने ऑफिस-आवास पर रेड होनी चाहिए. उन्होंने सवाल किया कि नोटबंदी के दौरान ब्लैकमनी को व्हाइट मनी करने वाले व्यक्ति को दिल्ली के उपराज्यपाल जैसे बड़े संवैधानिक पद पर क्यों बैठाया गया? सीबीआई-ईडी की जांच तक विनय कुमार सक्सेना को एलजी के पद से हटाया जाना चाहिए.
आतिशी का कहना है कि पूरे देश ने देखा था कि किस तरह से 9 नवंबर 2016 को पूरे देश में नोटबंदी लगाई गई. नोटबंदी से पूरे देश पर गहरा आर्थिक असर पड़ा. देश में करोड़ों लोग पुराने नोटों को नए नोटों से बदलवाने के लिए घंटों लाइन में खड़े रहे. वहीं, जो तथ्य विधानसभा में रखे गए, उससे यह सामने आया है कि जब पूरा देश लाइन में लगा हुआ था, जब देश के लोगों के पास खाना खरीदने के पैसे नहीं थे तो विनय कुमार सक्सेना, जो आज दिल्ली के उपराज्यपाल हैं. उस समय खादी ग्रामोद्योग (केवीआईसी) के चेयरमैन थे. उन्होंने देशभर में खादी ग्रामोद्योग के भवनों से ब्लैक मनी को व्हाइट करने का काम किया है.