श्रीनगर :सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच सोमवार को हैदरपोरा एनकाउंटर में पुलिस ने जिन चार लोगों को मार गिराया था, उसमें अब्दुल लतीफ मागरे का बेटा आमिर भी था. आज मागरे अपने बेटे की मौत पर सवाल उठा रहे हैं. उन्होंने पूछा है कि उनके बेटे की क्या खता थी. लेकिन पुलिस ने साफ कर दिया है कि मारे गए चारों युवक आतंकियों से सहयोगी थे.
बुधवार को रामबन जिले के कुछ गांवों में निषेधाज्ञा लागू करते हुए एक स्थान पर पांच या इससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी लगा दी गई. यह कदम स्पष्ट रूप से प्रभावित परिवार के किसी भी विरोध को विफल करने के लिए उठाया गया है.
रामबन के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट हरबंस लाल शर्मा ने आमिर के परिवार के विरोध को रोकने के लिये संगलदान और सेरीपुरा के साथ फैमरोटे गांव में बुधवार सुबह 9 बजे से अगले आदेश तक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू करने का आदेश दिया.
आदेश में कहा गया, 'वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, रामबन इस आदेश का अक्षरश: क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे.'
पुलिस के अनुसार रामबन के फैमरोटे गांव का निवासी मोहम्मद आमिर एक आतंकवादी था और हैदरपुरा में सोमवार शाम को हुई मुठभेड़ में अपने पाकिस्तानी साथी के साथ मारा गया. हैदरपुरा में कथित तौर पर एक अवैध कॉल सेंटर चलाया जा रहा था और यहां आतंकवादियों का एक ठिकाना था.
पुलिस ने बताया कि दो लोगों अल्ताफ भट और मुदस्सिर गुल की गोलीबारी में मौत हो गई, जिसके चलते उनके परिवारों में आक्रोश है. उन्होने दावा किया है कि वे निर्दोष थे और आतंकवाद से उनका कोई जुड़ाव नहीं था.