दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

Geeta Gyan : मनुष्य को चाहिए कि मनोधर्म से उत्पन्न समस्त इच्छाओं को निरपवाद रूप से... - आज की प्रेरणा

मनुष्य को चाहिए कि मनोधर्म से उत्पन्न समस्त इच्छाओं को निरपवाद रूप से त्याग दे और मन के द्वारा सभी ओर से इन्द्रियों को वश में करे. धीरे-धीरे, क्रमशः पूर्ण विश्वासपूर्वक बुद्धि के द्वारा समाधि में स्थित होना चाहिए और इस प्रकार मन को आत्मा में ही स्थित करना चाहिए तथा अन्य कुछ भी नहीं सोचना चाहिए. मन अपनी चंचलता तथा अस्थिरता के कारण जहां कहीं भी विचरण करता हो, मनुष्य को चाहिए कि उसे वहां से खींचकर अपने वश में करे. जिस योगी का मन परमात्मा में स्थिर रहता है, वह निश्चय ही दिव्य सुख की सर्वोच्च सिद्धि प्राप्त करता है.

Aaj Ki Prerana  Motivational quotes
आज की प्रेरणा

By

Published : Jan 19, 2023, 7:31 AM IST

योगाभ्यास के द्वारा सिद्धि या समाधि की अवस्था में मनुष्य का मन संयमित हो जाता है. तब मनुष्य शुद्ध मन से खुद को देख सकता है, अपने आप में ही आनंद उठा सकता है. समाधि की आनंदमयी स्थिति में स्थापित मनुष्य कभी सत्य से विपथ नहीं होता और इस सुख की प्राप्ति हो जाने पर वह इससे बड़ा कोई दूसरा लाभ नहीं मानता. समाधि की आनंददायी स्थिति को पाकर मनुष्य किसी कठिनाई में भी विचलित नहीं होता. यह नि:संदेह भौतिक संसर्ग से उत्पन्न होने वाले दुःखों से वास्तविक मुक्ति है.

आज की प्रेरणा

जिस प्रकार वायुरहित स्थान में दीपक हिलता-डुलता नहीं, उसी तरह जिस योगी का मन वश में होता है, वह आत्म तत्व के ध्यान में सदैव स्थिर रहता है. मनुष्य को चाहिए कि मनोधर्म से उत्पन्न समस्त इच्छाओं को निरपवाद रूप से त्याग दे और मन के द्वारा सभी ओर से इन्द्रियों को वश में करे. धीरे-धीरे, क्रमशः पूर्ण विश्वासपूर्वक बुद्धि के द्वारा समाधि में स्थित होना चाहिए और इस प्रकार मन को आत्मा में ही स्थित करना चाहिए तथा अन्य कुछ भी नहीं सोचना चाहिए. मन अपनी चंचलता तथा अस्थिरता के कारण जहां कहीं भी विचरण करता हो, मनुष्य को चाहिए कि उसे वहां से खींचकर अपने वश में करे.

जिस योगी का मन परमात्मा में स्थिर रहता है, वह निश्चय ही दिव्य सुख की सर्वोच्च सिद्धि प्राप्त करता है. वह रजोगुण से परे होकर परमात्मा के साथ अपनी गुणात्मक एकता को समझता है. योगाभ्यास में निरंतर लगकर आत्मसंयमी योगी समस्त भौतिक कल्मष से मुक्त हो जाता है और भगवान की दिव्य प्रेम भक्ति में परम सुख प्राप्त करता है. वास्तविक योगी समस्त जीवों में परमात्मा को तथा परमात्मा को समस्त जीवों में देखता है. नि:संदेह स्वरूप सिद्ध व्यक्ति परमेश्वर को सर्वत्र देखता है.

वार्षिक राशिफल 2023 : मेष-वृष के लिए मिलाजुला रहेगा आनेवाला साल, तो मिथुन को मिलेगा शनिदेव का साथ

ABOUT THE AUTHOR

...view details