नई दिल्ली: भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) वर्ष 2022-23 में 9.9 करोड़ रुपये की लागत से दो ड्रोन रोधी प्रणाली खरीद सकता है. एक आधिकारिक दस्तावेज से यह जानकारी मिली है.
एएआई के हवाई अड्डा तंत्र निदेशालय की ओर से जारी एक दस्तावेज के अनुसार, ड्रोन रोधी प्रणाली को ड्रोन का पता लगाने, निगरानी, पहचान और उसे नष्ट करने के लिहाज से बहु संवेदी युक्त पूर्ण समाधान वाला होना चाहिए. दस्तावेज में कहा गया है कि एएआई वर्ष 2022-23 में 9.9 करोड़ रुपये से दो ड्रोन रोधी प्रणाली खरीद सकता है. 'पीटीआई-भाषा' के पास दस्तावेज की जानकारी है.
इस वर्ष जून में जम्मू हवाई अड्डे पर भारतीय वायु सेना के ठिकाने पर ड्रोन से दो बम गिराए गए थे जिसमें दो जवान घायल हो गए थे.
जम्मू में हुए हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए ‘ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया(डीएफआई) के निदेशक- भागीदारी, स्मित शाह ने जून में कहा था कि भारत को ड्रोन रोधी अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में अधिक निवेश करने और मानवरहित हवाई वाहनों से किए जा रहे हमलों से उपजी सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से उन्हें खरीदने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा था कि कुछ कंपनी घरेलू स्तर पर अनुसंधान कर रही है, वहीं कुछ कंपनी विदेशी कंपनियों के साथ मिल कर इस दिशा में काम कर रही हैं, लेकिन ड्रोन रोधी प्राद्योगिकी पर अधिक ध्यान दिए जाने की जरूरत है. अक्टूबर 2019 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने परमाणु ऊर्जा संयंत्रों और सैन्य ठिकानों जैसे प्रमुख प्रतिष्ठानों पर ड्रोन से संभावित सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए एक नीति दस्तावेज जारी किया था.
'राष्ट्रीय अवांछित ड्रोन रोधी दिशानिर्देश’ नामक दस्तावेज़ में कहा गया है कि यह चिंता का विषय है कि छोटे ड्रोन की संख्या बढ़ रही है और इसने युद्धक्षेत्र कमांडरों और योजनाकारों को समान रूप से चिंतित किया है.
पीटीआई-भाषा