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आंध्र प्रदेश में गधों के पालन में जुटा एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर

आंध्र प्रदेश में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर गधा पालन शुरू किया है. वह गधी के दूध से अच्छी कमाई कर रहा है और अब इसका पाउडर बनाने के बारे में भी सोच रहा है.

A young man from Andhra Pradesh is earning by rearing more than 100 donkeys
आंध्र प्रदेश का एक युवक 100 से ज्यादा गधों को पाल कर कमा रहा है

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Published : Sep 7, 2022, 10:04 AM IST

Updated : Sep 7, 2022, 12:03 PM IST

अमरावती:जानवरों मेंगधे को लोग अहमियत नहीं देते हैं. लेकिन एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने यह साबित कर दिया है कि आप इस जानवर को पाल कर लाखों में कमाई कर सकते हैं. युवक इंजीनियर इस समय 100 से ज्यादा गधों को पाल रहा है और लाखों में कमा रहा है. इस युवक का कहना है कि यदि नवीन विचार को उचित व्यवहार में लाया जाए, तो यह उच्च आय प्राप्त किया जा सकता है.

गधी का दूध

गधे को आमतौर पर बोझ ढोने वाले के जानवर के रूप में देखा जाता है. लेकिन किरण ने बड़ों से सुना था कि गधे के दूध में कई औषधीय गुण होते हैं. उन शब्दों पर गौर करते हुए उसने कई चिकित्सा विशेषज्ञों से सलाह ली. तो इस आदमी ने अपने बेटे की समस्या के समाधान के साथ एक अभिनव प्रयोग शुरू किया. पूर्वी गोदावरी जिले के राजामहेंद्रवरम में रहने वाले किरण सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं.

उनका बेटा अस्थमा के कारण बीमार हो गया. उस समय जानने वालों ने बच्चे को गधे का दूध पीने की सलाह दी. किरण ने तुरंत अपने बेटे को गधे का दूध पिलाया. किरण ने देखा कि इस प्रक्रिया में उनके बेटे को समस्या से राहत मिली. इसी दौरान उसे गधे के दूध की भारी कीमत चुकानी पड़ी. इसलिए उसने गधों को पालने का फैसला किया. उसके हिस्से के रूप में किरण गुजरात, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे विभिन्न राज्यों में गए और गधों को खरीदा.

उन्होंने राजनगरम मंडल के मल्लमपुडी में 10 एकड़ का खेत पट्टे पर दिया और गधे को पालना शुरू किया. किरण ने इसका नाम अक्षय गधा फार्म रखा. इस फार्म पर यह युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियर गुजरात के अलारी, महाराष्ट्र के कटवाड़ और अफ्रीका के इथियोपिया समेत स्थानीय नस्लों के 120 गधों को पाल रहा है. इस समय बाजार में गधी के दूध की कीमत 5 से 7 हजार प्रति लीटर है.

इस दूध की आपूर्ति हमारे देश के विभिन्न राज्यों और देशों में स्थित कंपनियों को की जाती है. कहा जाता है कि इस दूध से बने पनीर की यूरोपीय देशों में अच्छी मांग है. गधे के दूध को एक लीटर की बोतलों में डालकर फ्रीजर में रख दिया जाता है. इस दूध को आइसबॉक्स में रखा जाता है और फार्मा कंपनियों को साप्ताहिक आपूर्ति की जाती है. गुणवत्ता वाले गधे को खरीदकर प्रत्येक पर 50 से 100,000 रुपये खर्च किए गए.

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उनका पोषण बहुत महंगा है. इसलिए गधों को चराने और खेत को संभालने के लिए कर्मचारियों को काम पर रखा गया. फार्म मैनेजर का कहना है कि यह प्रोटीन युक्त दूध पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और कई बीमारियां दूर होती हैं. पहले तो सहकर्मियों और परिचितों ने किरण का मजाक उड़ाया था. हालांकि, गधों के बारे में पूरी जानकारी जानने के बाद किरण ने दूध की मांग को देखते हुए एक फार्म शुरू किया. फिलहाल दूध बेचने पर फोकस कर रहे इस युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियर का कहना है कि भविष्य में वह गधी के दूध का पाउडर भी बनाएगा.

Last Updated : Sep 7, 2022, 12:03 PM IST

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