चामराजनगर: कर्नाटक के चामराजनगर जिले के हनूर तालुक के बच्चों में एक दुर्लभ बीमारी फिर से सामने आई है. यह चिकित्सा जगत के लिए एक चुनौती बन गई है. प्रभावित बच्चों के माता-पिता में चिंतित हैं. डॉक्टरों ने बताया कि यह ऑटोइम्यून (Autoimmune) बीमारी है जो 2015 में इसी हिस्से में सामने आई थी. जिस रोग में हाथ पैर और चेहरे पर काले और सफेद दाग पड़ जाते हैं. यह पपड़ीदार त्वचा रोग के समान होता है.
ऐसा कहा जाता है कि अगर यह एक बार बच्चों से फैल जाए तो उसके बचने की उम्मीद बहुत कम होती है. चामराजनगर जिले के हनूर तालुक के कुरात्ती होसुर, भद्रैयानाहल्ली, शेट्टाल्ली में यह घातक बीमारी सामने आई है. डॉक्टरों के मुताबिक यह ऑटोइम्यून बीमारी है जो 2015 में भी सामने आई थी. इस बीमारी से 2015 में शेट्टाहल्ली, कुरात्तीहोसुर गांव में 8 बच्चों की मौत हो गई थी. इस बीमारी से बच्चे पीड़ित हो रहे हैं जिसकी फिलहाल कोई दवा नहीं है.
इस बीमारी के लक्षण: नौ साल से अधिक उम्र के बच्चों में त्वचा पर घाव, सफेद दाग, त्वचा का काला पड़ना और आंखों में सूजन दिखाई देती है. वर्तमान में 5 बच्चों में इस बीमारी का पता चला है. डॉक्टरों के मुताबिक यह बीमारी वंशानुगत प्रतीत होती है. इससे ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि बच्चे स्कूल जाने से कतराने लगे हैं. इस संबंध में तालुक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रकाश ने जानकारी दी है. उन्होंने कहा, 'इस संबंध में सरकार को पत्र लिखा गया है, कई परीक्षण किए जाने हैं और लड़की की आंखों का ऑपरेशन किया जाना है. इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक करने के लिए कोई दवा नहीं है.'