नई दिल्ली :महीने में दूसरी बार भारतीय सेना के विशेष बलों के पैराट्रूपर्स पूर्वोत्तर क्षेत्र से जोड़ने वाले संवेदनशील 'चिकन्स नेक कॉरिडोर' (Chicken's Neck Corridor) पर अच्छी एक्सरसाइज की. गुरुवार और शुक्रवार को दो दिन सुबह 6 बजे स्पेशल फोर्स के 600 जवानों ने सी-130 'सुपर हरक्यूलिस' विमान (C-130 Super Hercules aircraft) से 20,000 फीट से अधिक ऊंचाई से सिलीगुड़ी कॉरिडोर (Siliguri Corridor) में पैराशूट के जरिए छलांग लगाई. इससे पहले इसी इलाके में करीब 22 दिन पहले ऐसी एक्सरसाइज की थी.
संघर्ष के दौरान चीन भारत को पूर्वोत्तर से काटने की कोशिश कर सकता है, इस खतरे को भांपते हुए भारतीय सेना ने ऐसा अभ्यास किया है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि युद्ध के समय रसद की आपूर्ति, ऊंचाई से जंप करना, दुश्मन पर निगरानी कैसे की जाए, इसके लिए इस तरह के अभ्यास किए जाते हैं. उत्तर में भूटान और दक्षिण में बांग्लादेश के बीच लगभग 60 किलोमीटर लंबा भूमि गलियारा है. सिलीगुड़ी कॉरिडोर एक ऐसा खंड है जिसके माध्यम से भारतीय मुख्य भूमि को पूर्वोत्तर क्षेत्र से जोड़ने के लिए सभी रेल और सड़क संपर्क गुजरते हैं.
यह क्षेत्र भारत-भूटान-चीन ट्राइजंक्शन के पास स्थित डोकलाम (Doka Lam) पठार के करीब है. यह 2017 में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 73 दिनों तक चले गतिरोध का ग्राउंड जीरो था. भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान (The Indian security establishment) का मानना है कि चीन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण भौगोलिक भूभाग जामफेरी (ज़ोम्पेलरी) रिज पर नियंत्रण हासिल करने की कोशिश कर सकता है. यह सिलीगुड़ी कॉरिडोर के उत्तर व उत्तर-पूर्व में लगभग 500 मीटर की दूरी पर है.