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केरल : PFI मार्च में नफरत भरा नारा लगाने वाले नाबालिग के खिलाफ मुकदमा दर्ज - keral minor boy shouting hate slogan

केरल में पिछले हफ्ते एक राजनीतिक रैली में एक नाबालिग लड़के को नफरत भरे नारे लगाते देखे जाने के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. बता दें कि केरल हाई कोर्ट नें राजनीतिक और धार्मिक रैलियों में बच्चों के इस्तेमाल पर चिंता व्यक्त की थी जिसके बाद यह मुकदमा दर्ज हुआ है.

a minor boy booked
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Published : May 24, 2022, 11:42 AM IST

Updated : May 24, 2022, 12:53 PM IST

तिरुवनंतपुरम:केरल में पिछले हफ्ते एक गणतंत्र बचाओ रैली में एक नाबालिग लड़के को नफरत के नारे लगाते देखे जाने के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. केरल हाई कोर्ट द्वारा राजनीतिक और धार्मिक रैलियों में बच्चों के इस्तेमाल पर चिंता व्यक्त करने के बाद मुकदमा दर्ज हुआ है. यह घटना पिछले हफ्ते तटीय अलाप्पुझा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) द्वारा एक मार्च के दौरान हुई थी. 21 मई को अलाप्पुझा में पीएफआई द्वारा आयोजित "गणतंत्र बचाओ" रैली के दौरान एक व्यक्ति के कंधे पर बैठे एक बच्चे का वीडियो और कथित रूप से भड़काऊ नारे लगाने का एक छोटा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान केरल हाई कोर्ट के जस्टिस गोपीनाथ ने कहा, "क्या वे एक नई पीढ़ी को बढ़ावा नहीं दे रहे हैं जो उनके मन में धार्मिक घृणा के साथ पली-बढ़ी है? जब यह बच्चा बड़ा होगा तब उसका दिमाग पहले से ही इस तरह की बयानबाजी का आदी होगा. इस पर कुछ किया जाना चाहिए." राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने केरल पुलिस पर प्राथमिकी दर्ज करने का दबाव बनाया था, जिसके बाद एक व्यक्ति को हिरासत में ले लिया गया है. व्यक्ति कोट्टायम के एराट्टुपेटा का रहने वाला है. आशंका है कि वह बच्चे को रैली में लेकर आया था.

विजयकुमार पीके द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर केरल पुलिस मुकदमा दर्ज किया है. एफआईआर में ने भारतीय दंड संहिता और केरल पुलिस अधिनियम की विभिन्न धाराओं को शामिल किया गया है. धारा 153-ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना), 295-ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा), 505 (1) (बी) (सार्वजनिक शांति के खिलाफ कार्य), आईपीसी के 505 (1) (सी), 505 (2), 506 (आपराधिक धमकी) और केपी अधिनियम के 120 (ओ) एफआईआर में शामिल हैं.

पुलिस ने इस मामले में पीएफआई अलाप्पुझा जिला अध्यक्ष नवास वंदनम और जिला सचिव मुजीब के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है. पीएफआई के अधिकारियों के अनुसार, शनिवार को अलाप्पुझा में एक मार्च के दौरान उनके पास आधिकारिक नारे थे. पीएफआई के अधिकारियों ने पीटीआई को बताया, "यह नारा उनमें से नहीं था. विभिन्न जगहों से बहुत सारे कार्यकर्ता मार्च में शामिल हुए. जब ​​स्वयंसेवकों ने इस नारे को लगाते देखा, तो उन्होंने उस नारे को नहीं लगाया."

घटना की निंदा करते हुए, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट किया, "इस घटना के वीडियो और मीडिया रिपोर्टों ने केरल को झकझोर दिया है. अभद्र भाषा और डराने वाले नारे निंदनीय हैं, चाहे उनके पीछे की राजनीति या उनका उपयोग करने वालों का धर्म कुछ भी हो. सभी पक्षों को सांप्रदायिकता का विरोध करने का मतलब सांप्रदायिकता का विरोध करना है. इस बीच, भाजपा नेता केजे अल्फोंस ने दक्षिणी राज्य में बढ़ते कट्टरपंथ पर चिंता व्यक्त की.

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पीटीआई

Last Updated : May 24, 2022, 12:53 PM IST

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