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किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी की नड्डा के घर हुई हाई लेवल मीटिंग - नड्डा के घर हाई लेवल मीटिंग

किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर हाई लेवल मीटिंग हुई. पिछले चार दिनों से किसान कृषि कानूनों के विरोध में सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए है. प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों और सरकार के बीच तीन दिसंबर को बातचीत प्रस्तावित है.

नड्डा के घर हाई लेवल मीटिंग
नड्डा के घर हाई लेवल मीटिंग

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Published : Nov 29, 2020, 9:49 PM IST

Updated : Nov 30, 2020, 7:47 AM IST

नई दिल्ली : किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर उच्च-स्तरीय बैठक हुई. इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर भी मौजूद रहे.

सूत्रों के अनुसार, तीनों मंत्रियों ने इस मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए नड्डा के आवास पर उनसे मुलाकात की.

शाह पहले ही आंदोलनरत किसानों से बुराड़ी मैदान में जाने की अपील कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि तय स्थान पर पहुंचने के बाद सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है.

तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमा पर पिछले चार दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों ने रविवार को केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश के सभी पांच रास्तों को बंद करने की धमकी दी.

प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों और सरकार के बीच तीन दिसंबर को बातचीत प्रस्तावित है.

बता दें कि पिछले चार दिनों से किसान कृषि कानूनों के विरोध में सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं. दिल्ली में किसानों के आक्रोश के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार शाम किसानों से प्रदर्शन खत्म करने की अपील की थी.

गृह मंत्री अमित शाह ने हस्तक्षेप कर किसानों की समस्या को दूर करने की कोशिश की. गृह मंत्री अमित शाह ने बीते शनिवार को आंदोलनरत किसानों से जल्द से जल्द बातचीत का ऑफर दिया था. उन्होंने किसानों को बुराड़ी में निर्धारित ग्राउंड में एकत्र होने की अपील की थी, जिसे किसानों ने ठुकरा दिया है.

पढ़ें-कृषि मंत्री ने की बातचीत की अपील, किसान बोले- सशर्त प्रस्ताव मंजूर नहीं

इसके बाद कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने भी कहा कि सरकार ने 3 दिसंबर को चौथी बार मिलने का प्रस्ताव दिया है. इसके लिए पहले से ही बातचीत चल रही है. किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि सरकार बातचीत के लिए तैयार नहीं है. किसान यूनियनों को बातचीत के लिए माहौल बनाना चाहिए. उन्हें आंदोलन छोड़कर बातचीत का रास्ता चुनना चाहिए.

Last Updated : Nov 30, 2020, 7:47 AM IST

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