नई दिल्ली: कांग्रेस सहित 16 विपक्षी दलों ने रविवार को सर्वसम्मति से 30 करोड़ प्रवासी श्रमिकों के लिए रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन शुरू करने के चुनाव आयोग के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने कुछ ही देर बाद कई पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की और कहा, 'पार्टियों ने सर्वसम्मति से चुनाव आयोग के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है क्योंकि यह बहुत ही अस्पष्ट है. यह ठोस नहीं है. प्रस्ताव में कई विसंगतियां हैं.
उन्होंने कहा, 'उदाहरण के लिए, प्रवासी श्रमिकों की परिभाषा और उनकी संख्या स्पष्ट नहीं है. हमने रिमोट ईवीएम के प्रस्ताव का विरोध करने का मन बना लिया है.' कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में रविवार की बैठक में शामिल होने वाले विपक्षी दलों में कांग्रेस, भाकपा, राजद, जद-यू, शिवसेना, झामुमो, राकांपा, आरएसपी, वीसीके, आईयूएमएल, सपा, एमडीएमके, आरएलडी, एनसी और पीडीपी शामिल थे. विपक्ष की बैठक में निर्दलीय राज्यसभा सांसद और सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने अधिवक्ता कपिल सिब्बल भी शामिल हुए.
कॉन्क्लेव का आयोजन कांग्रेस ने किया था. सपा और राकांपा अपने प्रतिनिधियों को नहीं भेज सकीं, लेकिन सिंह को अपने विचारों से अवगत कराया था. विपक्ष का यह संयुक्त कदम 16 जनवरी को चुनाव आयोग की बैठक से एक दिन पहले आया है, जहां चुनाव आयोग रिमोट ईवीएम का प्रदर्शन करेगा. भाकपा के डी राजा ने कहा, 'हम 16 जनवरी की बैठक में शामिल होंगे और ईवीएम पर गंभीर सवाल उठाएंगे. विपक्ष को विश्वास में लिए बिना चुनाव आयोग इस मुद्दे पर एकतरफा फैसला नहीं कर सकता.'
16 जनवरी की बैठक के बाद, विपक्षी दल 25 जनवरी को फिर से चर्चा करेंगे, जहां वे इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और चुनाव आयोग के प्रस्ताव पर लिखित में संयुक्त या व्यक्तिगत प्रतिक्रियाओं को अंतिम रूप देंगे, जैसा कि 31 जनवरी तक चुनाव आयोग चाहता है. दिग्विजय सिंह ने कहा, 'जैसा कि हमें 31 जनवरी तक लिखित जवाब देने के लिए कहा गया है, हम इस मुद्दे पर एक आम राय को अंतिम रूप देने और चुनाव आयोग को सूचित करने के लिए 25 जनवरी को फिर से मिलेंगे.'