नागपुर: भारतीय सेना की ताकत को और बढ़ाने के लिए भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बम का पता लगाने और नष्ट करने वाला रोबोट विकसित किया है. जल्द ही इस रोबोट को भारतीय सेना में शामिल किया जाएगा. वर्तमान में, इस रोबोट को डीआरडीओ द्वारा भारतीय विज्ञान कांग्रेस में प्रदर्शित किया गया है. रोबोट के बारे में जानने के लिए आम नागरिकों के साथ-साथ स्कूली छात्र भी उमड़ रहे हैं.
108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का आयोजन राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय परिसर में किया गया है. इस जगह पर प्रयोग और गतिविधि के सैकड़ों स्टॉल लगाए गए हैं. हालांकि, सबसे ज्यादा भीड़ डीआरडीओ कैंप में नजर आ रही है. सेना के गौरवशाली इतिहास को जानने की इच्छा हर भारतीय की होती है. वहीं सेना की तकनीक और संसाधन हासिल करने के लिए रोजाना हजारों नागरिक डीआरडीओ की प्रदर्शनी में आ रहे हैं.
भारतीय सेना सीमा पार के दुश्मनों और देश के भीतर सक्रिय दुश्मनों से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहती है. दुश्मन को मात देते हुए जवानों ने अपनी जान गंवाई है. हालांकि, इस नए शोध से जवानों की बेशकीमती जान बचाई जा सकेगी. भीड़-भाड़ वाली जगहों पर आतंकवादी हताहत होने के इरादे से बम लगाते हैं. अब रोबोट ऐसी जगह रखे बम को ढूंढ़ने की जिम्मेदारी निभाने जा रहा है. इतना ही नहीं यह रोबोट उस बम को खोजकर नष्ट करने वाला है.
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इस रोबोट का नाम कॉन्फिंडस्पेस रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल है. इस रोबोट पर 200 से 500 मीटर की दूरी से भी नजर रखी जा सकती है. रेलवे स्टेशनों जैसी भीड़-भाड़ वाली जगहों पर भी इस रोबोट को बड़े आराम से चलाया जा सकता है. डीआरडीओ के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि रोबोट में कई कैमरे लगे हैं और रोबोट विस्फोटकों को मानवरहित जगहों पर ले जा सकता है और बमों को नष्ट कर सकता है.