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9वीं के छात्र ने बनाई ई-बाइक, एक बार चार्ज करने पर चलेगी 100 किमी

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Published : Sep 9, 2021, 4:42 PM IST

दिल्ली के नौवीं क्लास के छात्र ने कबड़ा हुई रॉयल एनफील्ड बाइक को ई-बाइक (e-bike) में तब्दील करने का कारनामा किया है. यह बाइक एक बार चार्ज करने पर 100 किलोमीटर तक चलेगी. 'ईटीवी भारत' ने रॉयल एनफील्ड को ई-बाइक में तब्दील करने वाले इस छात्र से बात की. देखिए पूरी बातचीत.

9वीं के छात्र ने बनाई ई-बाइक
9वीं के छात्र ने बनाई ई-बाइक

नई दिल्ली:दिल्ली के सर्वोदय बाल विद्यालय के नौवीं कक्षा के छात्र राजन ने अपनी तकनीकी शैली से हैरान कर देने वाला कारनामा कर दिखाया है. 15 साल की छोटी उम्र में ही उसने खराब पड़ी रॉयल एनफील्ड बाइक को ई-बाइक में तब्दील कर दिया है.

इसके अलावा राजन का दावा है कि यह ई-बाइक घर पर आसानी से चार्ज की जा सकती है और एक बार चार्ज करने पर यह 100 किलोमीटर तक चलेगी. वहीं राजन ने बताया कि पहले लॉकडाउन से यह सब कुछ शुरू किया और अब जाकर कामयाबी मिली है.

खास रिपोर्ट

'ईटीवी भारत' ने दिल्ली शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत आने वाले सर्वोदय बाल विद्यालय के नौवीं क्लास के छात्र राजन से बात की. छात्र ने बताया कि सबसे पहले एक साइकिल पर एक्सपेरीमेंट किया था, लेकिन वह कामयाब नहीं रहा था. करीब एक महीने बाद स्क्रैप बाइक पर एक्सपेरीमेंट शुरू किया. साथ ही कहा कि स्क्रैप बाइक पर यह एक्सपेरीमेंट सफल रहा और अब ई-कार बनाने का सपना है.
10 हजार में मिली पुरानी बाइक
राजन ने बताया कि स्क्रैप बाइक का मिलना काफी मुश्किल था. उन्होंने बताया कि लगभग सभी ने देने से इनकार कर दिया था. सबका कहना था कि इसमें चेचिस नंबर होता है, लेकिन आखिरकार काफी संघर्ष करने के बाद दस हजार रुपए की रॉयल एनफील्ड बाइक मिली. इस दौरान उन्होंने बताया कि गूगल और यूट्यूब से ई-बाइक के बारे में खोजा और सीखा है.
राजन ने यह भी बताया कि लॉकडाउन के दौरान से ही उन्होंने यह एक्सपेरीमेंट शुरू किया था. उन्होंने बताया कि बाइक बनाने के लिए सामान जुटाने में एक माह का समय लगा है. साथ ही कहा कि तैयार करने में कुल तीन दिन का समय लगा है. वहीं उन्होंने बताया कि इसको बनाने में लगभग 50 हज़ार रुपए का खर्चा आया है.

छात्र ने दावा करते हुए कहा कि इसे एक बार चार्ज करने पर यह 100 किलोमीटर तक चलती है. इसमें 48 वाल्ट का चार्जर लगाया है और इस घर पर ही चार्ज किया जा सकता है.

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वहीं, ई-बाइक बनाने को लेकर राजन के पिता दशरथ शर्मा ने बताया कि सबसे पहले राजन ने झूठ बोला कि वह स्कूल से मिले टास्क पर काम कर रहा है. इसी के तहत ही उसने इस ई-बाइक बनाने का काम शुरू किया.

उन्होंने कहा कि जब वह ई-बाइक बनाकर स्कूल में लेकर आए तब जाकर पता चला कि स्कूल से कोई टास्क नहीं बल्कि यह इन्हीं का अपना खुद का टास्क था. वहीं राजन के पिता दशरथ शर्मा ने बताया कि वह फेब्रिकेशन का काम करते हैं.
शिक्षक रोहित द्विवेदी ने बताया कि छात्र ने एक बार बताया था कि वह एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है और बैटरी बाइक बनाना चाहता है. उन्होंने बताया कि जिस तरह से वह अपना काम करता रहा उसे वाट्सएप भेजता रहा फिर एक दिन काम पूरा होने के बाद स्कूल लेकर आ गया.

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