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99 साल के स्वतंत्रता सेनानी की जुबानी सुनिए आजादी की कहानी - independence day 2022

99 वर्ष के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विद्या सागर शुक्ला (Freedom Fighter Vidya Sagar Shukla) ने 18 वर्ष की उम्र में अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. चलिए उनकी जुबानी सुनते हैं आजादी का संघर्षगाथा.

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विद्या सागर शुक्ला .
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विद्या सागर शुक्ला .

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Published : Aug 15, 2022, 4:45 PM IST

मिर्जापुर:99 वर्ष के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विद्या सागर शुक्ला (Freedom Fighter Vidya Sagar Shukla) ने अपने आवास पर ध्वजारोहण किया. उन्होंने 18 साल की उम्र में ही अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंक दिया था. वह जिले के लोगों के लिए एक आदर्श के रूप में जाने जाते हैं.

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विद्या सागर शुक्ला .

विद्यासागर शुक्ल ने बताया कि ब्रितानिया हुकूमत में पहाड़ा रेलवे स्टेशन पर स्थित खजाने को लूटने के लिए वे साथियों साथ चले गए. उस समय उन लोगों ने मिलकर खजाने में आग लगा दी थी लेकिन उसमें नरेश चंद्र श्रीवास्तव किसी तरह फंस गए और आग की चपेट में आने से उनकी मृत्यु हो गई. उनको शहीद का दर्जा मिला है.

उन्होंने बताया कि पहले हम लोग अंग्रेजो के खिलाफ पर्चा बांटाते थे. इस दौरान उन्हें पर्चा बांटते हुए पकड़ लिया गया था. हालांकि कुछ समय के बाद उन्हें छोड़ दिया गया. इसके बाद उन्हें सोनभद्र के राबर्ट्सगंज में ध्वजारोहण करते हुए पकड़ा गया था.

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उन्होंने बताया कि वहां से आने के बाद जिगना स्टेशन पर साथियों के साथ रुकने का विचार बना. इसकी जानकारी अंग्रेज पुलिस कर्मियों को लग गई. इसके बाद हम लोग पहाड़ा स्टेशन चले गए. इस दौरान एक साथी नरेश चंद्र श्रीवास्तव मिट्टी का तेल डालते समय आग की चपेट में आ गए और वे वंदे मातरम, भारत माता की जय का नारा लगाते हुए शहीद हो गए.इसके बाद हम लोग वहां से फरार हो गए. दिल्ली में पंडित जवाहरलाल नेहरू के साथ भी कुछ दिन जेल काटे.

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