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'अगले 5 वर्षों में टर्मिनलों के विस्तार-आधुनिकीकरण पर 98000 करोड़ रुपये खर्च होंगे' - जनरल डॉ वी के सिंह

सरकार की ओर से राज्यसभा में जानकारी दी गई है कि अगले पांच साल में मौजूदा एयरपोर्ट टर्मिनलों, नए टर्मिनलों के विस्तार और आधुनिकीकरण पर 98000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे (Rs 98000 crores in airport sector).

Minister of State in the Ministry of Civil Aviation
डॉ. वी के सिंह

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Published : Mar 27, 2023, 4:05 PM IST

नई दिल्ली :भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और अन्य हवाईअड्डा डेवलपर्स ने अगले पांच वर्षों में लगभग 98000 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा है. इसमें अन्य गतिविधियों के अलावा, मौजूदा टर्मिनलों, नए टर्मिनलों के विस्तार और आधुनिकीकरण और रनवे का सुदृढ़ीकरण शामिल है (Rs 98000 crores in airport sector).

सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में कहा, 'इसमें मौजूदा हवाई अड्डों के विकास के लिए लगभग 60000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की स्थापना के लिए लगभग 38000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.'

नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य मंत्री जनरल डॉ. वी के सिंह (सेवानिवृत्त) की यह प्रतिक्रिया कांग्रेस सांसद फूलोदेवी नेताम के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में आई है, जिसमें सिविल एविएशन की चल रही परियोजनाओं की कुल संख्या और विवरण के बारे में जानकारी मांगी गई थी.

MoS द्वारा साझा किए गए विवरण के अनुसार, 150 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कुल 25 प्रमुख परियोजनाएं चल रही हैं. पटना हवाई अड्डे पर एक नए घरेलू टर्मिनल भवन और अन्य संरचनाओं (चरण I और II) का निर्माण 1216.90 करोड़ रुपये, एनआईटीबी का निर्माण और पोर्ट ब्लेयर हवाई अड्डे पर संबद्ध कार्य 707.73 करोड़ रुपये, नए ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे का निर्माण होलोंगी, ईटानगर, अरुणाचल प्रदेश 645.63 करोड़ रुपये, ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का निर्माण हीरासर, राजकोट 1405.00 करोड़ रुपये से किया जा रहा है.

मंत्री ने 21 नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की स्थापना के लिए सैद्धांतिक मंजूरी का भी उल्लेख किया और कहा कि इन 21 ग्रीनफील्ड हवाईअड्डों की कुल अनुमानित परियोजना लागत 45,000 करोड़ रुपये से अधिक है. इनमें से 11 ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे दुर्गापुर, शिर्डी, कन्नूर, पकयोंग, कलबुर्गी, ओरवाकल (कुरनूल), सिंधुदुर्ग, कुशीनगर, ईटानगर, मोपा और शिवमोग्गा को चालू कर दिया गया है.

परियोजनाओं में देरी के कारणों के विवरण पर, MoS ने कहा कि 'हवाईअड्डों के निर्माण/उन्नयन की समय-सीमा संबंधित हवाईअड्डा विकासकर्ताओं द्वारा भूमि अधिग्रहण, अनिवार्य मंजूरी, बाधाओं को दूर करने, वित्तीय समापन आदि जैसे विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है.'

उन्होंने कहा कि 'राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन और कोविड-19 महामारी के अन्य प्रभाव, एएआई द्वारा किए गए उन्नयन परियोजनाओं में देरी के लिए जनशक्ति का विमुद्रीकरण, आपूर्ति श्रृंखला को बंद करना, अभूतपूर्व प्रतिकूल मौसम की स्थिति इसके मुख्य जिम्मेदार कारक रहे हैं.'

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