भागलपुर : कहते हैं कि बड़ी से बड़ी लड़ाई भी लोग आत्मबल और हौसले से जीत सकते हैं. भागलपुर के आदमपुर के एक परिवार ने ऐसी ही मिसाल पेश की है. इस घर के कुल 6 सदस्य कोरोना संक्रमितहो गये थे. अपने बुलंद हौसले के बल सभी बिना अस्पताल में भर्ती हुए कोरोना को मात देने में सफल रहे. दिलचस्प बात यह है कि पूरे परिवार को हौसला देने वाले दादा-दादी भी कोरोना संक्रमित हो गये थे. उनकी उम्र क्रमश 92 साल और 75 साल है.
बुजुर्ग ने दिया घर को हौसला
कोरोना पर जीत हासिल करने वाले इस परिवार के मुखिया 92 वर्षीय विपिन कुमार चौधरी हैं. जो खुद भी कोरोना से संक्रमित थे. मनोबल से कोरोना से जंग जीत कर एक बार फिर यह परिवार हंसी-खुशी जीवन व्यतीत कर रहा है.
इस उम्र में जब कोरोना ने अपनी चपेट में लिया तो उन्हें एक पल भी ऐसा नहीं लगा कि वे कोरोना से जंग हार जाएंगे. उन्होंने घर में रहते हुए कोरोना से बचाव के सभी उपाय किये और बगैर अस्पताल में भर्ती हुए जीत लिया. साथ ही परिवार के अन्य लोगों का हौसला बढ़ाया. किसी के धैर्य और आत्मबल को कमजोर नहीं पड़ने दिया.
कोरोना जांच रिपोर्ट आयी पॉजिटिव
ईटीवी भारत से 92 वर्षीय विपिन चौधरी ने बताया कि जब वे सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित हुए तो परिवार वालों ने कोरोना जांच कराई. रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्होंने खुद को क्वारंटीन कर लिया. हालांकि, उनके बेटे और परिवार वाले उनकी सेहत पर लगातार नजर रखे हुए थे. उन्होंने कहा कि नियमित दिनचर्या का पालन किया. जो दवाइयां डॉक्टरों द्वारा लिखी गई थीं, उनका नियमित सेवन किया. बताये गये सभी उपायों को किया जिसके बाद वे पूरी तरह स्वस्थ हो गये.
'एक समय तो हम लोग घबरा गए थे'
उनके बेटे सुधीर चौधरी ने कहा कि जब पिताजी जी कोरोना पॉजिटिव पाये गये तो हम सब घबरा गए थे. लेकिन पिताजी ने ही हम लोगों को संभाला. उन्होंने कहा कि उन्हें कोरोना नहीं हुआ है. वे 14 दिनों तक परिवार से अलग रहे. पिताजी को पहले से ही चेस्ट में समस्या थी. उनका ऑपरेशन भी हुआ था. लेकिन पिताजी ने अपने मनोबल से कोरोना को हरा दिया.