राम मंदिर निर्माण को लेकर हुई बैठक. अयोध्या: धर्मानगरी अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट की प्रत्येक 3 माह पर होने वाली बैठक राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के आवास मणि रामदास छावनी पर हुई. इसमें 15 में से 12 ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे. इसके साथ ही राम मंदिर ट्रस्ट के वयोवृद्ध सदस्य के परासरण वर्चुअल तौर पर जुड़े रहे. राम लला के मंदिर निर्माण में खर्च की गई धनराशि के आय व्यय को लेकर बैठक में जानकारी दी गई. वहीं प्रतिष्ठा महोत्सव को भव्य बनाने के लिए प्रमुख रूप से बैठक में चर्चा हुई. बैठक के बाद ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि मंदिर का निर्माण कार्य तीन चरणों में हो रहा है. इसमें जनवरी 2024 तक प्रथम चरण का काम पूरा कर लिया जाएगा जबकि दिसंबर 2024 तक दूसरा चरण और दिसंबर 2025 तक तीसरे चरण का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा.
चंपत राय समेत कई पदाधिकारियों ने बैठक में लिया भाग.
ट्रस्ट की बैठक में 18 बिंदुओं पर हुई चर्चा
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने शुक्रवार की शाम जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में 18 बिंदुओं पर चर्चा हुई है. जिसमें विदेशी मुद्रा से दान लेने के लिए ट्रस्ट के कानूनी प्रक्रिया की जानकारी एक दूसरे को दी गई और उस पर आवेदन भी किया गया है. साथ ही सरयू नदी के तट पर स्थित राम कथा संग्रहालय लीगल तौर से 9 अक्टूबर से राम मंदिर ट्रस्ट के पास होगा. उसकी विधिक कार्रवाई भी पूरी कर ली गई है. राम कथा संग्रहालय लेने का प्रमुख उद्देश्य राम मंदिर के 500 सालों का इतिहास और 50 साल के लीगल डॉक्यूमेंट को सुरक्षित रखना. जिससे आने वाली पीढ़ी भी सत्य को जान सके.
राम मंदिर निर्माण में खर्च हो चुके 900 करोड़
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि वर्ष 2020 से 31 मार्च 2023 तक मंदिर निर्माण कार्य में और उससे जुड़े हुए कार्य में कुल 900 करोड रुपए खर्च हुए हैं. इसके अलावा रामलला के बैंक खातों में फिक्स और बचत खाते में लगभग 3000 करोड़ से ज्यादा की धनराशि बनी हुई है. रामलला के मंदिर निर्माण से जुड़े कार्य के लिए खर्च में प्रमुख रूप से प्रतिदिन मंदिर के चढ़ावे को ही लिया जा रहा है. निधि समर्पण अभियान में समर्पित हुई धनराशि को बहुत थोड़ा ही राम लला के मंदिर निर्माण में इस्तेमाल किया गया है.
रामानंदीय परंपरा के अनुसार होगा प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा और भगवान के पूजन पद्धति को लेकर धार्मिक समिति बनी है. जिसमें महंत नृत्य गोपाल दास, गोविंद देव गिरी, पेजावर के जियर स्वामी, ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा के साथ-साथ अयोध्या के रामानंद दास, कमलनयन दास, मिथिलेश नंदिनी शरण समेत 4 संतों को शामिल किया गया है. जो भगवान के प्राण प्रतिष्ठा भगवान के श्रृंगार वस्त्र भगवान की पूजा पद्धति पर काम करेंगे. रामनन्दिय प्रथा से भगवान का पूजन अर्चन होता है इसलिए रामलला का पूजन अर्चन भी रामानंदी प्रथा से किया जाएगा.
5 लाख गांवों तक पहुंचाई जाएगी पवित्र अक्षत
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के पहले 5 लाख गांव तक रामलला के पूजित अक्षत को पहुंचाया जाएगा. इसके लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट विश्व हिंदू परिषद के 50 से अधिक केंद्रों से कार्यकर्ताओं को अयोध्या में अक्षत वितरित किया जाएगा. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के पहले रामलला का अक्षत पूजन किया जाएगा और उस अक्षत को देश के 5 लाख गांव तक वितरित कर लोगों से अपील की जाएगी कि इस अक्षत के माध्यम से अपने घर और मंदिरों में ही रामलला का प्राण प्रतिष्ठा उत्सव मनाए. इसके साथ ही देशभर के राम भक्तों से अपील करते हुए कहा कि सभी मठ मंदिरों में धार्मिक आयोजन और आरती का कार्यक्रम करें. इसके साथ ही शाम होते ही हर घर के बाहर सरसो के तेल का 5 दीपक जरूर जलाएं.
10 करोड़ घरों तक पहुंचाई जाएगी रामलला के विराजमान होने की छवि
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि आज की इस बैठक में भगवान रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद आने वाले प्रत्येक रामभक्त को रामलला की तस्वीर दी जाएगी. इसके लिए प्राण प्रतिष्ठा के बाद फोटो सेशन का कार्य किया जाएगा . उन्होंने कहा कि ट्रस्ट का लक्ष्य है कि एक वर्ष के अंदर 10 करोड़ लोगों के घर तक रामलला की फोटो पहुंचाई जा सके.
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