नई दिल्ली: नागर विमानन महानिदेशालय (Directorate General of Civil Aviation) के आंकड़ों के मुताबिक 84 कर्मचारियों में से 54 (64 प्रतिशत शराब की अनिवार्य जांच में नशे की हालत में पकड़े गए. एजेंसी को ये आंकड़ें उपलब्ध हुए हैं.
शराब की जांच में फेल हुए कर्मचारियों में से कई को हवाई अड्डा संचालकों ने नौकरी पर रखा हुआ था जबकि उनमें से कुछ को अन्य कंपनियों ने नौकरी पर रखा हुआ था जो हवाईअड्डे पर विभिन्न तरह के काम करती हैं. डीजीसीए के आंकड़ों के मुताबिक भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) द्वारा संचालित 35 हवाई अड्डों पर 56 कर्मचारी, अडानी समूह द्वारा संचालित चार हवाई अड्डों पर 17 कर्मचारी, जीएमआर समूह द्वारा संचालित दो हवाई अड्डों पर नौ कर्मचारी और फेयरफैक्स इंडिया द्वारा संचालित बेंगलुरू हवाई अड्डे पर दो कर्मचारी जनवरी 2021 और मार्च 2022 के बीच शराब की जांच में फेल हो गए.
बहरहाल बेंगलुरू हवाईअड्डे के ऑपरेटर बायल ने स्पष्ट किया कि शराब की जांच में फेल हुए दो कर्मचारी उसके कर्मचारी नहीं हैं. उसने कहा कि बेंगलुरू हवाई अड्डे (बायल) पर 2021 में और इस साल अभी तक ब्रेद एनालाइजर जांच में उसके कर्मचारियों के फेल होने की कोई घटना नहीं हुई. डीजीसीए के 56 कर्मचारियों के शराब की जांच में फेल होने के आंकड़ें के बारे में पूछे जाने पर केंद्र द्वारा संचालित एएआई ने साझा किए आंकड़ों में कहा कि एएआई द्वारा संचालित 14 हवाई अड्डों पर केवल 18 कर्मचारी ही जनवरी 2021 से मार्च 2022 के बीच शराब की जांच में नशे की हालत में पकड़े गए.
एएआई ने कहा कि बीए (ब्रेद एनालाइजर) जांच में फेल हुए 18 कर्मचारियों में से तीन एएआई के थे और बाकी के 15 एएआई के साथ अनुबंध पर काम करने वाली एजेंसियों के थे. अडानी समूह और जीएमआर समूह ने इस मामले के संबंध में पीटीआई के सवालों का जवाब नहीं दिया. जिस हवाई अड्डे पर जनवरी 2021 और मार्च 2022 के बीच सबसे अधिक नौ कर्मचारी शराब की जांच में फेल हुए वह मुंबई हवाई अड्डा है, जो पिछले साल जुलाई से अडानी समूह के अधीन है. जुलाई 2021 से पहले मुंबई हवाई अड्डा जीवीके समूह के नियंत्रण में था.