अजमेर.2 साल बाद इस बार कुल 240 पाकिस्तानी जायरीन उर्स में हाजिरी लगाने पहुंचे हैं. ख्वाजा के दर पर पहुंचे जायरीनों के चेहरे पर खुशी देखते ही बन रही थी. रेलवे स्टेशन पर कड़ी सुरक्षा के बीच सभी को रोडवेज की बसों में बैठा कर चूड़ी बाजार स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल ले जाया गया. पाक जायरीन अमृतसर - अजमेर ट्रेन से अजमेर रेलवे स्टेशन पहुंचे.
पाक जायरीनों के अजमेर पहुंचने पहले से ही सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड में थीं. अमृतसर-अजमेर ट्रेन के पहुंचने के साथ ही पहले डिब्बों से आम यात्रियों को उतारा गया. रेलवे स्टेशन का प्लेटफार्म नंबर एक खाली कराने के बाद 4 कोच में बैठे 240 पाकिस्तानी जायरीन नीचे उतरे. ख्वाजा की नगरी में आकर पाक नागरिक खुद को खुशनसीब समझ रहे थे उनके चेहरे से खुशियां साफ झलक रही थी. कुछ भावुक होकर फफक फफक कर रो पड़े तो कुछ ने ख्वाजा गरीब नवाज की नगरी की जमीन का सजदा किया.
प्रत्येक पाक नागिरक की हुई जांच-रेलवे स्टेशन पर प्रत्येक पाकिस्तानी जायरीन की सघन जांच तीन चरणों में हुई. पहले चरण में प्रत्येक जायरीन के साथ उनके सामान की एक्स रे मशीन से जांचा गया. फिर मेटल डिटेक्टर से पड़ताल की गई फिर सबके गले में लटके बैज चेक किए गए. कुल 240 पाकिस्तानी जायरीन और एक पाकिस्तानी दूतावास का अधिकारी इस जत्थे में शामिल है.
रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा चाक चौबंद. टोकन नम्बर पहचान- जत्थे में 25 से 75 वर्ष की आयु के पाकिस्तानी शामिल हैं. इनमें एक भी महिला शामिल नहीं है. जानकारी के मुताबिक वीजा जारी होने के साथ ही प्रत्येक पाकिस्तानी जायरीन को एक टोकन नंबर आईडी के रूप में दिया जाता है. हर जायरीन को वह आईडी हमेशा अपने गले में लटका कर रखनी होती है. इस पर उसका नाम और टोकन नंबर होता है. आईडी से टोकन नंबर का रेलवे स्टेशन पर मिलान करने के बाद ही उन्हें बस में बैठाया गया. इस पूरी प्रक्रिया के दौरान मीडिया से दूरी बनाकर रखी गई.
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पुलिस के अधिकारी रहे मौजूद-अजमेर रेलवे स्टेशन पर प्रशासनिक और पुलिस अमला तैनात रहा. एडीएम सिटी भावना गर्ग, प्रशासनिक अधिकारी एनएल राठी, सेवानिवृत्त आरएएस अधिकारी सुरेश सिंधी, जिला पुलिस अधीक्षक चुनाराम जाट समेत खुफिया एजेंसियों के अधिकारी समेत आरपीएफ और जीआरपी के अधिकारी भी मौजूद रहे.
240 पाक जायरीन वाया अटारी पहुंचे अजमेर. पाक जायरीन बोले- दोनों मुल्क रहें खुशहाल-मोहम्मद मंसूर पाकिस्तानी जायरीन जत्थे के लीडर हैं. उन्होंने बताया कि 17 साल बाद उन्हें अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज के दर पर आने का मौका मिल रहा है. उन्होंने बताया कि कोरोना की वजह से 2 साल से पाक जायरीन का जत्था और उर्स में नहीं आ पाया था. अब आएं हैं तो भारत पाकिस्तान के बेहतर रिश्तों की दुआ मांगेंगे. इसके साथ ही उन्होंने अटारी से अजमेर पहुंचने तक भारत सरकार की ओर से की गई व्यवस्था पर खुशी जताई. अकीदतमंद अपने साथ दरगाह में भेंट करने के लिए तोफे भी साथ लाए हैं. अपने और परिचित लोगों की ओर से चादर एवं नजराना साथ लेकर पाक जायरीन आए हैं. इसमें से एक पाक जायरीन ख्वाजा गरीब नवाज को भेंट करने के लिए पगड़ी लेकर आया है.