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सिलक्यारा टनल में डाले गये 800 एमएम के 8 पाइप, 62 में से 45 मीटर ड्रिलिंग पूरी, जल्द मिल सकती है खुशखबरी

Uttarakhand Tunnel Collapse Updates उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में 11वें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. 11वें दिन तक सिलक्यारा टनल में 800 एमएम के आठ पाइप डाले जा चुके हैं. सिलक्यारा टनल में 45 मीटर तक ड्रिलिंग की जा चुकी है. टनल में लैंडस्लाइड का मलबा 62 मीटर तक फैला है. ऐसे में अब ड्रिलिंग से जल्द ही सफलता मिल सकती है. वहीं, श्रमिकों के मानसिक स्वास्थ्य को देखते हुए मनोचिकित्सक की मदद भी ली जा रही है.

Uttarakhand Tunnel Collapse Updates
टनल में डाले गये 800 एमएम के पाइप

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 22, 2023, 9:30 AM IST

Updated : Nov 22, 2023, 7:20 PM IST

टनल में डाले गये 800 एमएम के पाइप.

उत्तरकाशी (उत्तराखंड):यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा टनल में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए दो दिनों से ड्रिलिंग का काम लगातार जारी है. अभी तक ऑगर मशीन से 800 एमएम के आठ पाइप अब तक टनल में डाले जा चुके हैं. सिलक्यारा टनल में 45 मीटर तक ड्रिलिंग की जा चुकी है. पाइप कुल 62 मीटर अंदर तक डाला जाना है यानी 17 मीटर अभी बचा है. दो और पाइप टनल के अंदर डालने हैं. देर रात तक ये काम पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है. ड्रिलिंग सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है. सब कुछ ठीक रहा तो गुरुवार सुबह से श्रमिकों को बाहर निकालने का काम शुरू हो जाएगा.

टनल में डाले गये 800 एमएम के पाइप.

वहीं, सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों के साथ बातचीत के लिए ऑडियो कम्युनिकेशन सेटअप तैयार किया गया है. NDRF व SDRF ने मिलकर ये कम्युनिकेशन सेटअप तैयार किया है. इसके जरिए सभी श्रमिकों की डॉक्टरों के बात करवाई जा रही है. मनोचिकित्सक भी साइट पर मौजूद हैं और श्रमिकों के मानसिक स्वास्थ्य को देखते हुए उनकी भी मदद ली जा रही है.

12 नवंबर से टनल में फंसे मजदूर: बता दें 12 नवंबर को यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन होने के बाद से 41 मजदूर अंदर ही फंसे हुए हैं. उन्हें निकालने के लिए पहले मलबा हटाने का प्रयास किया गया. जिसमें सफलता नहीं मिल पाई. इसके बाद देसी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू की गई. मगर मात्र 7 मीटर ड्रिलिंग के बाद ही मशीन की क्षमता कम लगने पर इसे हटाना पड़ा. इसके बाद मजदूरों के रेस्क्यू के लिए अमेरिकन ऑगर मशीन मौके पर मंगाई गई.

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6 एक्शन प्लान पर हो रहा काम:अमेरिकन ऑगर मशीन से सुरंग में ड्रिलिंग के दौरान कंपन और मलबा गिरने का खतरा पैदा हुआ. इसके बाद इससे भी ड्रिलिंग बंद कर दी गई है. इस मशीन से 22 मीटर ड्रिलिंग के बाद काम बंद करना पड़ा. इसके बाद मजदूरों के सकुशल रेस्क्यू के लिए दूसरे विकल्पों पर काम शुरू हुआ. जिसके तहत 6 एक्शन प्लान पर काम किया जा रहा है.

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पाइप वेल्डिंग में लग रहा वक्त:देर शाम केंद्र सरकार के अपर सचिव महमूद ने जानकारी दी कि, सुरंग के मलबे में ऑगर मशीन के जरिए शुक्रवार सुबह तक 900 एमएम का 22 मीटर पाइप डाल दिये गये थे. इसके बाद बाधा आने पर काम रोकना पड़ा. पांच दिन विशेषज्ञों के परीक्षण के बाद मंगलवार को 800 एमएम का पाइप डालने की शुरुआत हुई. पाइप को वेल्ड कर जोड़ने में वक्त लग रहा है.

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टनल में डाले गये 800 एमएम के छह पाइप:उन्होंने बताया 900 एमएम का पाइप डालने से ज्यादा कंपन पैदा हो रहा है. ऐसे में पाइप का दायरा घटाया गया है. उन्होंने बताया 800 एमएम का पाइप 22 मीटर तक डालने के बाद फिर ड्रिलिंग की जाएगी. अगर ड्रिलिंग के दौरान आगे मलबे में मशीन या चट्टान नहीं मिली तो बुधवार दोपहर तक पाइप बिछाने में काफी हद तक पूरा हो जाएगा. ड्रिलिंग के दौरान अगले 22 से 45 मीटर तक की दूरी सबसे अहम होगी. इसी बीच सबसे अधिक दिक्कत आने की आशंका है. मंगलवार को एक मशीन जो सड़क संकरी होने के कारण फंस गई थी, अब सिल्कयारा सुरंग स्थल पर पहुंच गई है. इसके बाद फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान तेज हो गया है.

Last Updated : Nov 22, 2023, 7:20 PM IST

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