नई दिल्ली :भारत और रूस के रक्षा मंत्रियों के बीच हुई बैठक के दौरान CAATSA के तहत अमेरिका प्रतिबंधों (US threatened sanctions under CAATSA) को नदर अंदाज करते हुए भारत और रूस ने सोमवार को अपने सैन्य-तकनीकी सहयोग संबंधों ( military-technical cooperation ties) को अगले दस साल के लिए बढ़ा दिया. इसके साथ ही भारत ने उन दावों को भी झुठलाने की कोशिश की है कि भारत पिछले कुछ वर्षों से अमेरिका के करीब आ गया है.
अमेरिकी काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act) के आधार पर अमेरिका रूस से हथियार खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने की धमकी देता है.
इस बार भारत रूस से S-400 वायु रक्षा और मिसाइल सिस्टम (S-400 air defence and missile systems) खरीदने के लिए बातचीत कर सकता है.
सोमवार को 2+2 बैठक के दौरान भारतीय रक्षा मंत्री ने चीन पर ध्यान केंद्रित किया, जिसके साथ भारत के संबंध मई 2020 से सीमा गतिरोध के चलते जबरदस्त तनाव में आ गए हैं. इस कारण बड़े पैमाने पर सीमा पर सैन्य लामबंदी हुई है और दोनों पक्षों द्वारा सैनिकों की तैनाती की गई है.
बैठक के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि महामारी, हमारे पड़ोस में असाधारण सैन्यीकरण (extraordinary militarization) और हथियारों का विस्तार (expansion of armament ) और 2020 की शुरुआती गर्मियों के बाद से हमारी उत्तरी सीमा पर पूरी तरह से अकारण आक्रामकता ने कई चुनौतियों का सामना किया है.
रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि भारत ऐसे भागीदारों की तलाश कर रहा है, जो भारत की अपेक्षाओं और आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील और उत्तरदायी हों.