बेंगलुरू: देशभर में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर चल रही है. रोजाना औसतन 3.5 लाख नए मामले सामने आ रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक रोजाना औसतन 3800 से 4 हजार मरीजों की मौत भी हो रही है. लेकिन इससे भी ज्यादा डरावना यह है कि कोरोना बिना लक्षण दिखाए भी लोगों की जान ले रहा है. सोचिये अगर कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित है लेकिन उसका शरीर में न तो कोई लक्षण दिखता है और ना ही कोरोना जांच के दौरान संक्रमण की पुष्टि होती है. लेकिन कुछ दिनों बाद उसकी मौत हो जाए और मौत की वजह कोरोना हो तो ये स्थिति सबके लिए डराने वाली है. कर्नाटक में इस महीने ऐसे एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों मौत के मामले सामने आए हैं.
5 दिन में 790 बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों की मौत
कर्नाटक में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. रोजाना एक केस और मौत के आंकड़े ने भी सरकार की चिंता बढ़ा दी है. लेकिन इस बीच सबसे बड़ी चिंता का विषय बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों की मौत का आंकड़ा है. इस महीने 4 मई से 8 मई के बीच अर्थात 5 दिन के दौरान कर्नाटक में 2140 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई, जिनमें से 790 मृतक ऐसे थे जिनमें कोरोना के कोई भी लक्षण नहीं थे. इस हिसाब से इन 5 दिनों में ऐसे मरीजों की तादाद करीब 37 फीसद थी.
रोज सामने आ रहे हैं ऐसे मामले
कोरोना की दूसरी लहर ने देशभर में कोहराम मचाया हुआ है और कर्नाटक भी इससे अछूता नहीं है. बढ़ते संक्रमण के शुरुआती दिनों में बिना लक्षण वाले मरीजों की मौत का आंकड़ा बहुत कम था लेकिन 4 मई से 8 मई के बीच 5 दिनों में ऐसे 790 लोगों की मौत खतरे की घंटी बजा रही है.
4 मई, 2021- इस दिन कर्नाटक में कुल 392 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई जिनमें से 11 बिना लक्षण वाले थे. जो कुल मौत का 28.3 फीसदी थे
5 मई, 2021- पांच मई को कुल 346 कोरोना मरीजों की मौत हुई जिनमें से 136 मरीज ऐसे थे जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं थे जो कि कुल मौत के 39.3 फीसदी थे
6 मई, 2021- सबसे ज्यादा डराने वाले आंकड़े 6 मई को सामने आए जब कोरोना से मरने वाले 50 फीसदी से ज्यादा मरीज ऐसे थे जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं थे. 6 मई को 328 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई जिनमें 167 बिना लक्षण वाले थे.
7 मई, 2021- इस दिन कर्नाटक में मृतकों का आंकड़ा 592 पहुंच गया, इनमें से 208 मरीज ऐसे थे जिनमें लक्षण नहीं थे.
8 मई, 2021- आठ मई को कर्नाटक में 482 मरीजों की मौत हुई जिनमें से 34.8 फीसदी यानी 168 मरीज ऐसे थे जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं थे.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
मनिपाल अस्पताल के डॉक्टर सचिन बताते हैं कि कोरोना संक्रमण की मौजूदा लहर में म्यूटेंट वायरस बहुत ही खतरनाक है जो बहुत तेजी से फैलता है. डॉ. सचिन के मुताबिक कोरोना का नया म्यूटेंट फेफड़ों को निशाना बनाता है और आरटीपीसीआर में भी इसका पता नहीं चलता है. सिर्फ सीटी स्कैन के जरिये ही फेफड़ों में हो रहे संक्रमण का पता चलता है और ज्यादातर मामलों में बहुत देर हो चुकी होती है.