भुवनेश्वरःओडिशा में चक्रवात 'यास’'ने व्यापक तबाही मचाई है जिससे अब राज्य प्रशासन जूझ रहा है. वहीं, चक्रवात के बीच राज्य के 10 जिलों में 750 बच्चों का भी जन्म हुआ. यह जानकारी ओडिशा प्रशासन के अधिकारियों ने दी.
जानकारी के मुताबिक, चक्रवात यास के प्रभाव के मद्देनजर महिला व बाल विकास तथा मिशन शक्ति विभाग की ओर से 10 जिलों में गर्भवती महिलाओं की पहचान कर ली गई थी. इन गर्भवती महिलाओं में से जिन महिलाओं की प्रसूति जून के पहले सप्ताह में होनी थी, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
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डीएसडब्ल्यूओ, सीडीपीओ, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सुपरवाइजरों व आशा कार्यकर्ताओं की मदद से 4,555 गर्भवती महिलाओं की पहचान हुई थी. उनमें से 2107 गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने का कार्य 24 मई से शुरू हो गया था.
इनमें से कई महिलाओं ने 25 और 26 मई के बीच बच्चों को जन्म दिया जब चक्रवात के असर से झमाझम बारिश और तेज हवाएं चल रही थीं. इस दौरान केंद्रापड़ा में 166, भद्रक में 98, खुर्दा में 95, जगतसिंहपुर में 84, जाजपुर में 69, कटक में 61, बालासोर में 58, केंदुझर में 55, मयूरभंज में 36, और पुरी में 28 नवजात जन्मे हैं. सभी मां और नवजात स्वस्थ और सुरक्षित हैं.
बालासोर के पारखी इलाके की रहने वाली सोनाली मैती ने कहा कि वह अपने लड़के के लिए 'यास' से बेहतर नाम नहीं सोच सकती थीं, जिसका जन्म चक्रवात के आगमन को चिह्नित करता है.
इसी तरह, केंद्रापड़ा जिले की सरस्वती बैरागी ने कहा कि उसने तूफान के नाम पर अपनी नवजात बच्ची का नाम रखा, इस तरह सभी को उसके आने का समय याद रहेगा.
उन्होंने कहा कि मैं इस बात से बेहद खुश हूं कि मेरी बच्ची एक ऐसे दिन पर दुनिया में आई, जिसे सभी लोग याद रखेंगे. मैंने उसका नाम 'यास' रखा है.
'यास' को इसका नाम ओमान से मिला है.
कहा जाता है कि यह शब्द फारसी भाषा से उत्पन्न हुआ है, और अंग्रेजी में इसका अर्थ है 'जैस्मीन'.
सरकार ने कहा था कि कई महिलाएं, जो अपनी गर्भावस्था के अंतिम चरण में थीं, उन्हें मां गृह (डिलीवरी सेंटर) और अन्य स्थानीय अस्पतालों में ले जाया गया.