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पुणे की 75 साल की सुपरवुमन ने साइकिल से 10,000 किमी का सफर तय किया - साइकिल चलाते हुए मनाया जन्म दिन

पुणे की निरुपमा भावे (Nirupma Bhawe Pune) ने कहा कि यदि आप अगले 25 वर्षों तक स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो आपके पास साइकिल चलाने के अलावा (Cycling Is Only Option) कोई विकल्प नहीं है. निरुपमा भावे इस समय 75 साल की हैं. वह पिछले 21 वर्षों से नियमित रूप से साइकिल चला रही हैं. वह अब तक अपनी साइकिल पर चमत्कारिक ढंग से कुल 10 हजार किलोमीटर का सफर तय कर चुकी हैं.

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Published : Mar 30, 2022, 8:49 PM IST

Updated : Mar 31, 2022, 6:06 AM IST

पुणे :पुणे की निरुपमा भावे (Nirupma Bhawe Pune) ने कहा कि यदि आप अगले 25 वर्षों तक स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो आपके पास साइकिल चलाने के अलावा (Cycling Is Only Option) कोई विकल्प नहीं है. निरुपमा भावे इस समय 75 साल की हैं. वह पिछले 21 वर्षों से नियमित रूप से साइकिल चला रही हैं. वह अब तक अपनी साइकिल पर चमत्कारिक ढंग से कुल 10 हजार किलोमीटर का सफर तय कर चुकी हैं. उन्होंने अपनी साइकिल पर लगभग आधे भारत की यात्रा की है. उनका कहना है कि साइकिलिंग ही उनकी फिटनेस का राज है.
हाल ही में 75 वर्षीय दादी ने केवल 16 दिनों में पुणे से सुंदरबन तक 2100 किमी की यात्रा पूरी की है. भावे पुणे के प्रभात रोड इलाके में रहते हैं. 54 साल की उम्र में उन्होंने साइकिल चलाना शुरू किया था. शुरुआत में उन्होंने 'पुणे साइकिल प्रतिष्ठान' संस्था के साथ साइकिल चलाई. बाद में उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर एक ग्रुप बनाया और साइकिल चलाना शुरू किया. वह पूरे देश में साइकिल चला चुकी हैं। साइकिलिंग, ट्रेकिंग और व्यायाम उनके शौक हैं.

पुणे की निरुपमा भावे
वह वाघा बॉर्डर से आगरा, भुवनेश्वर से कोलकाता, गोवा से कोचीन और मनाली-लेह-खरदुगला तक साइकिल चला चुकी हैं. उनका कहना है कि साइकिल चलाना एक पैशन है. 54 साल की उम्र में सबसे पहले उन्होंने वाघा बॉर्डर से आगरा तक साइकिल से यात्रा की. फिर अगले साल, उन्होंने भुवनेश्वर से कलकत्ता की यात्रा की. तीसरे साल उन्होंने गोवा से कोचीन और फिर चेन्नई से कन्याकुमारी की यात्रा की. लेकिन उनका सफर यहीं नहीं रुका. बाद में निरुपमा भावे ने न केवल मध्य प्रदेश, राजस्थान, सौराष्ट्र, मनाली, लेह की यात्रा की, बल्कि खारदुंग जाकर एक और रिकॉर्ड भी बनाया, जो लगभग 13,041 फीट ऊंचा है.

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साइकिल चलाते हुए मनाया जन्म दिन : निरुपमा भावे ने पुणे से कन्याकुमारी तक का सफर महज 16 दिनों में पूरा कर अपना 70वां जन्मदिन मनाया था. इस यात्रा के दौरान उन्होंने रोजाना 100 से 150 किलोमीटर साइकिल चलाई. इसके बाद उन्होंने पुणे से जम्मू-कश्मीर तक साइकिल चलाकर अपना 72वां जन्मदिन मनाया. उसी समय, उन्होंने पुणे से कलकत्ता तक 2100 किमी की यात्रा की और 10,000 किमी साइकिल यात्रा का एक बेंचमार्क पार किया.
जीवन का सबसे खुशी का पल: भावे बताती हैं कि जिस दिन मैंने मनाली-लेह-खरदुग में साइकिल चलाई, वह मेरे जीवन का सबसे खुशी का पल था. छह साल पहले भावे अचानक बीमार पड़ गईं. उनके शरीर के कुछ हिस्से को लकवा मार गया. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. एक बीमारी जिससे ठीक होने में उसे कई साल लग जाते हैं. उन्होंने दो महीने में जीत हासिल की और फिर से साइकिल चलाना शुरू कर दिया. उनका कहना है कि साइकिल चलाने से मिली फिटनेस ने उन्हें इस बीमारी से निजात दिलाने में मदद की.
केवल अपनी साइकिल का उपयोग:भावे ने कहा कि एक दिन मैंने सोचा कि अगर आप अगले 25 साल तक स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो आपको साइकिलिंग करनी होगी. इतना ही नहीं वह शहर के किसी भी स्थान पर जाते समय स्कूटर का इस्तेमाल नहीं करती हैं. वह केवल अपनी साइकिल का उपयोग करती है. निरुपमा भावे ने आज के युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि अपने स्कूटर को 2 दिन का ब्रेक दो, साइकिल की सवारी करो और अपने जीवन का आनंद लो. युवाओं से उनका आग्रह है कि अगर आपका कार्यस्थल घर से 7-8 किलोमीटर के भीतर है, तो आपको जब भी संभव हो साइकिल से यात्रा करनी चाहिए. यह आपको फिट और खुश रहने में मदद करेगा.
फिटनेस के सिक्रेट : अपनी फिटनेस के सिक्रेट शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि सुबह जब उठती हूं तो शहद, नींबू और हल्दी वाला पानी पीती हूं. फिर साइकिलिंग और पहाड़ी पर टहलने जाती हैं. साइकिल चलाने के साथ-साथ कभी-कभी तैराकी भी करती हैं. वह रोज सुबह 6.30 बजे एक्सरसाइज के लिए बाहर जाती हैं और 8.30 बजे तक घर लौटती हैं.

Last Updated : Mar 31, 2022, 6:06 AM IST

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