मंगलुरु: पढ़ाई करनी है तो उम्र आड़े नहीं आती. इसका एक दुर्लभ उदाहरण उडुपी की एक वृद्ध महिला हैं, उन्होंने 75 साल की उम्र में मैंगलोर यूनिवर्सिटी से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है. जानकारी के अनुसार उडुपी जिले की उषा चडगा निपुण शख्सियत हैं. उनके दो पोते हैं. उन्होंने मंगलौर विश्वविद्यालय से श्री माधवाचार्य के अद्वितीय सिद्धांतों के जीवन स्वभाववाद और विष्णु के सर्वशब्द वचनत्व के महत्वपूर्ण विषय पर विश्लेषण के लिए पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है.
75 वर्षीय महिला ने मंगलौर विश्वविद्यालय से पूरी की पीएचडी - PHD From Mangaluru University
कहतें हैं कि हौसला बुलंद हो और कामयाबी हासिल करने का जुनून हो तो रास्ते में कोई भी बाधा सामने नहीं आती. कर्नाटक की एक 75 वर्षीय महिला ने पीएचडी करके इस कथन को चरितार्थ कर दिया है.
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उषा चडगा ने सैन्टाना पब्लिक स्कूल त्रिवेंद्रम में प्रधानाचार्य के रूप में कार्य किया है. अपनी सेवानिवृत्ति के बाद वे एसएमएसपी संस्कृत कॉलेज में अभ्यास करने के लिए उडुपी आईं. संस्कृत विद्वत सीखने के बाद उन्होंने पीएचडी करने का फैसला किया और 5 साल में इसे पूरा भी किया. शनिवार को उन्होंने मैंगलोर विश्वविद्यालय के 40वें दीक्षांत समारोह में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की.
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